वाईमैक्स की सेवा को सरकार ने किया बंद
मोबाइल का जमाना वाईमैक्स हो गया पुराना
जासं, सकलडीहा (चंदौली) : वर्ष 2010 में भारत संचार निगम द्वारा शुरू की गई वाईमैक्स (वायरलेस इंटरनेट सिस्टम) इंटरनेट की दुनिया में एक क्रांतिकारी कदम था जिसे सरकार ने बंद करने का आदेश दे दिया है। यह सेवा जनपदवासियों के लिए इसलिए बहुत महत्वपूर्ण थी क्योंकि पूरे देश में सर्वप्रथम इस प्रणाली को लांच करने के लिए सकलडीहा दूरसंचार केंद्र को चुना गया था।
वाईमैक्स का पहला कनेक्शन बरठी पोस्ट ऑफिस को आवंटित किया गया। उस जमाने में जब इंटरनेट की दुनिया में बीएसएनएल के अतिरिक्त किसी प्राइवेट कंपनी का दूर-दूर तक नामोनिशान नहीं था। बगैर वायर इंटरनेट की तेज स्पीड व बेहतर तकनीकी के कारण वाईमैक्स जल्द ही लोगों के बीच लोकप्रिय हो गया और इसके उपभोक्ताओं की संख्या ने सैकड़ा पार कर लिया। वाईमैक्स सेवा की ओर लोगों का झुकाव इस कदर हुआ कि कनेक्शन के लिए आने वाले आवेदनों को कूड़ेदान व नालियों में फेंका जाने लगा, लेकिन कुछ ही दिनों में इस सेवा से कनेक्शनधारियों का मोहभंग होने लगा, क्योंकि विभागीय लापरवाही व शिथिलता के कारण समय के साथ यह सेवा सुस्त पड़ने लगी।
हद तो तब हो गई जब ठीक से काम न करने व बंद होने के बावजूद भी उपभोक्ताओं के पास भारी-भरकम बिल पहुंचने लगा। वहीं विभाग ने इस समस्या का समुचित समाधान निकालने के लिए कोई सार्थक प्रयास नहीं किया। नतीजा यह हुआ कि इससे खिन्न होकर उपभोक्ताओं ने जिस तेजी से कनेक्शन लिए थे। उसी गति से कटवा दिए। बावजूद इसके दूरसंचार विभाग ने उपभोक्ताओं को बिल भेजना जारी रखा। विभागीय समाधान शिविर में ज्यादातर मामले वाईमैक्स से संबंधित पहुंचने लगे और ऐसे में उपभोक्ताओं ने इससे दूरी बना ली। अब वाईमैक्स के उपभोक्ताओं की संख्या गिनती की बची रह गई है। आरोप है कि वर्तमान में दूरसंचार केंद्र पर वाईमैक्स का कोई विशेषज्ञ मौजूद नहीं है। सूत्र बताते हैं कि केंद्र पर तैनात एकमात्र तकनीकी विशेषज्ञ को विभाग ने कई महीनों का मानदेय नहीं दिया और वर्षों पूर्व उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया। वाईमैक्स इंटरनेट सेवा को 31 मई 2020 से बंद करने का आदेश आया था। वक्त के साथ यह सेवा अब निष्प्रयोज्य साबित हो रही थी, लिहाजा सरकार ने इसे बंद करने का निर्णय ले लिया है।
-अखिलेश कुमार, एसडीओ, सकलडीहा।