पुरानी पेंशन कर्मचारियों का मौलिक अधिकार
संयुक्त संघर्ष संचालन समिति का जन चेतना रथ बुधवार को सदर ब्लाक में पहुंचा। संरक्षक अभिमन्यु तिवारी व प्रदेश अध्यक्ष एसपी तिवारी ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलित किया। आयोजित सभा में वक्ताओं ने सरकार की नीतियों पर प्रहार किया। पुरानी पेंशन बहाली की मांग उठाई। मांग पूरी न होने पर कार्य बहिष्कार व आंदोलन की चेतावनी दी।
जागरण संवाददाता, चंदौली : संयुक्त संघर्ष संचालन समिति का जन चेतना रथ बुधवार को सदर ब्लाक में पहुंचा। संरक्षक अभिमन्यु तिवारी व प्रदेश अध्यक्ष एसपी तिवारी ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलित किया। आयोजित सभा में वक्ताओं ने सरकार की नीतियों पर प्रहार किया। पुरानी पेंशन बहाली की मांग उठाई। मांग पूरी न होने पर कार्य बहिष्कार व आंदोलन की चेतावनी दी।
अभिमन्यु तिवारी ने कहा पुरानी पेंशन सरकारी कर्मचारियों का मौलिक अधिकार है। सरकार ने कर्मचारियों से उनका हक छीन लिया। नई पेंशन स्कीम को लाभकारी बताकर लागू किया जबकि सच्चाई यह कि नई पेंशन प्रणाली से सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों व शिक्षकों को कोई लाभ नहीं है। 60 वर्ष की उम्र तक सरकार की सेवा करने के बाद पुरानी पेंशन कर्मियों के बुढ़ापे का सहारा है। लेकिन पुरानी पेंशन प्रणाली पर रोक के चलते कर्मियों की बुढ़ापे की लाठी छिन गई। पांच वर्ष को चुने जाने पर जनप्रतिनिधियों को तमाम प्रकार की सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। उनकी पेंशन भी समाप्त हो। लेकिन सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों के हक में कटौती हो रही। नरेश कौशिक, जयवीर यादव, विनय कुमार ¨सह, अनुज त्यागी, विनोद यादव, विनोद कुमार ¨सह, हैदर अली, मनोज पांडेय, वीरेंद्र यादव, रामनगीना ¨सह, रमेशचंद्र ¨सह, सुरेंद्रनाथ त्रिपाठी ने संबोधित किया। धर्मेंद्र मौर्य, चंद्रशेखर आजाद, महेंद्र मौर्य, अनिल ¨सह, यशवर्धन ¨सह, चंद्रप्रकाश, विजय बहादुर ¨सह, फाफा साहब भारती, वीरेंद्र मोहन, संजय ¨सह, अभय ¨सह उपस्थित रहे। 20 दिसंबर के बाद करेंगे हड़ताल
सरकार पुरानी पेंशन बहाल नहीं की तो 20 दिसंबर के बाद शिक्षक, कर्मचारी कार्य बहिष्कार करते हुए व्यापक स्तर पर आंदोलन करेंगे। पत्रकारों से बातचीत में संयुक्त संघर्ष संचालन समिति के प्रदेश अध्यक्ष एसपी तिवारी ने कहीं। अभी तक शांतिपूर्ण ढंग से सत्याग्रह के रास्ते पर चलते हुए पेंशन की मांग की जा रही है। सरकार को विचार करने कर पर्याप्त मौका दिया गया है। दो माह का समय है, सकारात्मक हल नहीं निकला, तो कार्य बहिष्कार होगा।