Move to Jagran APP

एफएसटीपी से प्रदूषण मुक्त होगी पालिका, गाद से बनेगी खाद

सरकार ने नगर पालिका परिषद को फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट (एफएसटीपी) की सौगात दी है। शौचालयों से निकलने वाले जलमल को शोधित कर गाद से जैविक खाद और पानी को सिचाई युक्त बनाया जाएगा। पालिका को प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी तो स्वच्छ भारत अभियान का रंग और चटख होगा। शासन स्तर से निविदा के बाद दिल्ली की फर्म को निर्माण की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। वहीं नगर पालिका और जल निगम ने प्लांट के लिए जमीन की तलाश शुरू कर दी है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Feb 2020 06:03 PM (IST)Updated: Mon, 10 Feb 2020 06:03 PM (IST)
एफएसटीपी से प्रदूषण मुक्त होगी पालिका, गाद से बनेगी खाद
एफएसटीपी से प्रदूषण मुक्त होगी पालिका, गाद से बनेगी खाद

पीडीडीयू नगर (चंदौली): सरकार ने नगर पालिका परिषद को फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट (एफएसटीपी) की सौगात दी है। शौचालयों से निकलने वाले जलमल को शोधित कर गाद से जैविक खाद और पानी को सिचाई युक्त बनाया जाएगा। पालिका को प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी तो स्वच्छ भारत अभियान का रंग और चटख होगा। शासन स्तर से निविदा के बाद दिल्ली की फर्म को निर्माण की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। वहीं नगर पालिका और जल निगम ने प्लांट के लिए जमीन की तलाश शुरू कर दी है।

loksabha election banner

फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट नगर पालिका के विकास में अहम कड़ी बनेगा। तकरीबन साढ़े चार करोड़ रुपये की लागत की इस परियोजना को शासन स्तर से न केवल स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है बल्कि दिल्ली की एक फर्म को प्लांट स्थापना की जिम्मेदारी भी सौंप दी गई है। कंपनी जलनिगम के सहयोग से प्लांट निर्माण को मूर्त रूप देगी। जमीन मुहैया कराने का अहम दायित्व पालिका को दिया गया है। महकमे ने तत्परता दिखाते हुए भूमि की खोज शुरू कर दी है। इसके लिए दो स्थान चिन्हित किए गए हैं। जांच पड़ताल के बाद जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जाएगा। जलमल से बनेगी जैविक खाद, पानी भी उपयोगी

फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित होने का फायदा यह होगा कि सेप्टिक टैंक की सफाई से निकलने वाले जलमल को शोधन के बाद उपयोगी बनाया जा सकेगा। गाद से जहां जैविक खाद बन जाएगी वहीं पानी को सिचाई के लिए उपयोगी बना दिया जाएगा। दोनों प्रक्रियाएं किसानों के लिए हितकारी होंगी। शौचालयों के अपशिष्ट को पूरी तरह से पैक वाहन के जरिए प्लांट तक पहुंचाया जाएगा। अहम यह कि शोधन प्रक्रिया के दौरान दुर्गंध आदि की समस्या सामने नहीं आएगी। लगभग चार हजार वर्ग मीटर जमीन में प्लांट स्थापित किया जाएगा। प्रदेश सरकार यह सौगात उन निकायों को दे रही है जहां सीवेज ट्रीटमेंट व्यवस्था मूर्त रूप नहीं ले सकी है। वर्जन...

- एफएसटीपी के लिए जमीन उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। एक दो स्थान चिन्हित किए गए हैं। शासन की यह पहल स्वच्छ भारत अभियान को नया आयाम देगी। कृष्णचंद्र, ईओ नगर पालिका परिषद।

- पालिका जैसे ही जमीन मुहैया करा देती है एफटीपी का निर्माण शुरू करा दिया जाएगा। शासन स्तर से ही दिल्ली की फर्म को प्लांट निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। नगर पालिका के लिए यह काफी अहम परियोजना है। एसके सिंह, एक्सईएन जल निगम।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.