..आखिर एनजीओ को क्यों बचा रहा शिक्षा विभाग
नगर क्षेत्र के 14 परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले तकरीबन 15 सौ बच्चों को गरमा-गरम भोजन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी दो निजी संस्थाओं को सौंपी गई है। भोजन की खराब गुणवत्ता और वितरण में लापरवाही एनजीओ की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती रहती है है। लेकिन अफसरों के पास इसका कोई जवाब नहीं है। बच्चों और अभिभावकों के विरोध के बावजूद शिक्षा विभाग महज नोटिस जारी कर अपना गला बचा रहा है। संस्थाओं को पूर्व में तीन नोटिस जारी की जा चुकी है। बावजूद इसके लापरवाही मिली तो एक और नोटिस जारी कर दी गई।
जासं, पीडीडीयू नगर (चंदौली) : नगर क्षेत्र के 14 परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले तकरीबन 15 सौ बच्चों को गरमा-गरम भोजन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी दो निजी संस्थाओं को सौंपी गई है। भोजन की खराब गुणवत्ता और वितरण में लापरवाही एनजीओ की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती रहती है। लेकिन अफसरों के पास इसका कोई जवाब नहीं है। बच्चों और अभिभावकों के विरोध के बावजूद शिक्षा विभाग महज नोटिस जारी कर अपना गला बचा रहा है। संस्थाओं को पूर्व में तीन नोटिस जारी की जा चुकी है। बावजूद इसके लापरवाही मिली तो एक और नोटिस जारी कर दी गई।
नगर क्षेत्र में एमडीएम वितरण की जिम्मेदारी जब से एनजीओ को सौंपी गई है आए दिन शिकायतें मिलती रहती हैं। दोनों ही एनजीओ गैर जनपदों के हैं। वाराणसी में रसोई बना रखी है। कभी मीनू के अनुसार भोजन नहीं बांटने की शिकायत आती है तो कभी खाने की गुणवत्ता बेहद खराब रहती है। शिक्षक कई दफा भोजन वापस करा चुके हैं। विगत दिनों भोजन में कीड़े निकलने पर बच्चों ने हंगामा भी किया था। विभाग एनजीओ को तीन दफा नोटिस भी जारी कर चुका है। लेकिन कार्यप्रणाली में सुधार नहीं आने के बावजूद कार्रवाई नहीं की जा रही। इससे विभाग की मंशा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। एक एनजीओ ने 13 से 16 अगस्त तक विद्यालयों में भोजन ही वितरित नहीं किया। जिलाधिकारी ने मामले का संज्ञान लिया और बीएसए को दोषी संस्था के खिलाफ कार्रवाई के लिए निर्देशित किया। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने संस्था संचालकों को सोमवार को कार्यालय में तलब किया है।