बंध्याकरण न होने पर भड़का आक्रोश, प्रदर्शन
बंध्याकरण नहीं होने से नाराज महिलाओं व उनके परिजनों के साथ आशा ने मंगलवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर जमकर हंगामा किया। आक्रोशित लोगों ने शासन, प्रशासन विरोधी नारेबाजी कर हुक्कमरानो के खिलाफ आवाज बुलंद की।
जागरण संवाददाता, चकिया(चंदौली): बंध्याकरण नहीं होने से नाराज लोगों का आक्रोश मंगलवार भड़क उठा। महिलाओं व उनके परिजनों के साथ आशाएं भी हंगामें में शामिल रहीं। आक्रोशित लोगों ने शासन, प्रशासन के विरोध में नारेबाजी करते अव्यवस्था के लिए जिम्मेदारों पर तोहमत मढ़े। हालांकि, हो-हल्ला मचने के बावजूद अधिकारियों की तंद्रा नहीं टूट पाई।
आक्रोशित आशा का कहना रहा कि काफी मोटिवेट के बाद बंध्याकरण के लिए महिलाओं उनके परिजनों को राजी किया जाता है। खुद का किराया भाड़ा लगाकर दूरदराज से पहुंचने के बाद भी ऑपरेशन नहीं होने की बात दो टूक शब्दों में कर दी गई। जबकि सुबह स्वास्थ्य केंद्र के जिम्मेदारों से वार्ता कर महिलाओं व उनके परिजनों को यहां लाया गया है। पिछले सप्ताह भी बंध्याकरण नहीं हो पाया था। आरोप लगाया कि स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार संविदा कर्मचारियों के हड़ताल पर होने को बता कर पल्ला झाड़ लिए। ददवल, नीबी कला, सोनहुल, भभौरा,पंडी, गरला, मुजफ्फरपुर, पिपरिया, फिरोजपुर समेत दर्जनों गांव से लगभग 90 महिलाएं बंध्याकरण के लिए यहां पहुंची थी। संविदा कर्मचारियों के हड़ताल पर होने की स्थिति में वैकल्पिक व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग को करनी चाहिए थी जो नहीं की जा सकी। आक्रोशित आशा और बंध्याकरण कराने आई महिलाओं सहित उनके तीमारदारों को समझा बुझाकर प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ सुजीत ¨सह ने शांत कराया। प्रदर्शन करने वालों में सुशीला, सरोज, ममता, सुनीता श्रीवास्तव, सायरा बानो ,रंजना, चंद्र कला, अजोरिया समेत तमाम आशा व तीमारदार शामिल थे।