भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव में फूलों की बरसात
मानस यज्ञ सेवा समिति खरौझा के तत्वाधान मे राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय सरैया बसाढी के प्रांगण में आयोजित नौ दिवसीय संगीतमय रामकथा के दूसरी निशा पर शनिवार को शायं कथा वाचक नीरजानंद शास्त्री ने राम जन्मोत्सव की कथा सुनाकर कथा स्त्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।
जासं, इलिया (चंदौली) : मानस यज्ञ सेवा समिति खरौझा की ओर से राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय सरैया बसाढ़ी के प्रांगण में आयोजित नौ दिवसीय संगीतमय रामकथा के दूसरी निशा पर शनिवार को कथा वाचक नीरजानंद शास्त्री ने राम जन्मोत्सव की कथा सुनाई। कथा सुन श्रोता भाव विभोर हो गए। श्रोताओं के जयकारे से पंडाल गूंजायमान हो गया।
कहा जब-जब धरती पर पाप की वृद्धि होती है। तब-तब पाप का नाश करने को भगवान धरती पर जन्म लेते है। भगवान और भक्त का जन्म-जन्म का नाता है। भगवान भक्त वत्सल है। इसलिए भक्त भगवान से कोई भी नाता जोड़ सकता है। भगवान भक्त के वश में होते है और भगवान भक्त की पुकार पर मानव को मानवता का पाठ पढ़ाने के लिए धरती पर जन्म लेते है। पृथ्वी से पाप के भार को कम करने के लिए धरती पर भगवान अवतरित होते है। अपने भक्तों कि रक्षा के लिए सदैव तैयार रहते है। कथा का श्रवण करने के लिए श्रोताओं की भीड़ पांडाल में जुटी रही बीच-बीच मे श्रोताओं के जयकारे से पांडाल गुंजायमान हो गया और फूलों की वर्षा की गई। इस अवसर पर आयोजक विश्वनाथ दुबे, राजेश ¨सह, पूनम पांडेय, पप्पू लाल श्रीवास्तव, गो¨वद केशरी आदि श्रोतागण उपस्थित थे।