आइबी टीम के हत्थे चढ़े पांच संदिग्ध बांग्लादेशी
दुलहीपुर क्षेत्र में अवैध रूप से रह रहे पांच बांग्लादेशी नागरिकों को ग्रामीणों की तत्परता से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने कमरे की तलाशी ली तो फर्जी पहचान पत्र संग 45 हजार रुपये बरामद हुए। मामले की पड़ताल में अंतर्राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय जांच एजेंसियां लगी हैं।
-फर्जी प्रमाण पत्र बरामद, आइबी की टीम कर रही पड़ताल
-एटीएस भी करेगी मामले की जांच, सूचना भेजी
-दुलहीपुर क्षेत्र से ग्रामीणों ने पकड़कर पुलिस को सौंपा
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जागरण संवाददाता, पीडीडीयू नगर, (चंदौली) : दुलहीपुर क्षेत्र में अवैध रूप से रह रहे पांच बांग्लादेशी नागरिकों को ग्रामीणों की तत्परता से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने कमरे की तलाशी ली तो फर्जी पहचान पत्र संग 45 हजार रुपये बरामद हुए। मामले की पड़ताल में अंतरराष्ट्रीय और राज्य स्तरीय जांच एजेंसियां लगी हैं। पुलिस और आइबी की टीम ने हिरासत में लिए लोगों से पीडीडीयू नगर कोतवाली में घंटों पूछताछ की। बात सामने आई कि क्षेत्र में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी रह रहे हैं। फर्जी आधार कार्ड बनवाकर स्थाई ठिकाना बनाने की फिराक में हैं। स्थानीय एजेंट छापेमारी की भनक लगते ही फरार हो गया।
दुलहीपुर ग्राम प्रधान नीतू गुप्ता के पास शनिवार को दो लोग अस्थाई निवास प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आए। प्रधान ने अंक पत्र देखकर उनको प्रमाण पत्र जारी कर दिया। कुछ देर बाद वही दो अन्य लोगों के दस्तावेज लेकर आ गए। प्रधानपति आनंद गुप्ता को संदेह हुआ तो उन्होंने पूछताछ शुरू कर दी। प्रमाण पत्र बनवाने आए लोगों ने बताया वह दुलहीपुर पोखरे पर किराए के मकान में रहते हैं। इसके अलावा कुछ नहीं बता पाए और वहां से खिसकने लगे। प्रधानपति और ग्रामीणों ने दोनों को पकड़ लिया और उनके बताए ठिकाने पर जाकर तीन अन्य को भी धर दबोचा। सीओ प्रदीप ¨सह चंदेल को सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस मय फोर्स मौके पहुंच गई। सभी पांचों को हिरासत में लेने के साथ कमरे की तलाशी ली तो हाईस्कूल के फर्जी अंक पत्र, 45 हजार रुपये नकद और तीन मोबाइल फोन बरामद हुए। पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो पता चला कि सभी बांग्लादेशी नागरिक हैं और आधार कार्ड बनवाने को प्रधान से अस्थाई निवास प्रमाण पत्र बनवा रहे थे। तहसील व कचहरी के काम में माहिर स्थानीय एजेंट इस काम में उनकी मदद करता है। सभी को कोतवाली लाकर पुलिस संग आइबी टीम ने उनसे पूछताछ की। 'पांच संदिग्धों को पकड़ा गया। कुछ फर्जी दस्तावेज भी मिले हैं। आइबी और एटीएस को सूचना दी गई है। अभी वास्तविक स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी। जांच बाद ही कोई कार्रवाई होगी।
संतोष कुमार ¨सह, पुलिस अधीक्षक