खाद्य सुरक्षा टीम ने लिये पांच नमूने, हड़कंप
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग की टीम ने शुक्रवार को पांच नमूने संकलित किए गए। इसमें दूध के तीन व खेसारी दाल के दो नमूने लिए गए। नमूनों को प्रयोगशाला भेजा गया। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। जांच के दौरान अलीनगर से दूध के तीन नमूने लिए गए। वहीं भोजापुर से दाल में खेसारी की मिलावट की संभावना पर चना का सत्तू व
जासं, चंदौली : खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग की टीम ने शुक्रवार को पांच नमूने संकलित किए गए। इसमें दूध के तीन व खेसारी दाल के दो नमूने लिए गए। नमूनों को प्रयोगशाला भेजा गया। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
जांच के दौरान अलीनगर से दूध के तीन नमूने लिए गए। वहीं भोजापुर से दाल में खेसारी की मिलावट की संभावना पर चना का सत्तू व दाल का नमूना एकत्रित किया गया। विभाग की कार्रवाई से हड़कंप मचा रहा। जांच टीम ने चेतावनी दी कि प्रत्येक दशा में उपभोक्ताओं को गुणवत्तायुक्त खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराएं। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही कार्रवाई की जाएगी। खाद्य टीम में मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी चंद्रकांत बाजपेयी, कुमार चित्रसेन, ज्ञान प्रकाश पटेल, रमेश चंद्र, विनय कुमार, नेहा त्रिपाठी, गणपति पाठक आदि कर्मचारी शामिल थे। ऐसे करें पहचान
अभिहित अधिकारी सुशील कुमार ¨सह ने बताया खेसारी की दाल चौकोर व फ्लैट होती है। अरहर दाल की तुलना में यह एक तरफ चपटी तथा दूसरी ओर उठी होती है। इसका रंग हल्का पीला होता है। खेसारी दाल के हानिकारक प्रभाव के कारण प्रदेश सरकार ने इस प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 एवं तत्संबंधी नियम एवं विनियम के प्रावधानों के अनुसार लगाया गया है। ताकि आमजन को इसकी हानि से बचाया जा सके। कहा खेसारी की दाल का प्रयोग, सत्तू,, बेसन आदि में मिलावट के लिए किया जाता है। खेसारी के उपयोग से अपंगता व लेथारिज्म नामक बीमारी होती है। इससे मनुष्य को लकवा मार सकता है।