निजीकरण के खिलाफ कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार
विद्युत कर्मचारियों ने विभाग के निजीकरण के खिलाफ कार्य बहिष्कार कर बुधवार को अधीक्षण अभियंता समेत एक्सईएन कार्यालयों के समक्ष धरना दिया। आरोप लगाया सरकार नियमों में परिवर्तन कर निजी घरानों को अनुचित लाभ पहुंचाने की कोशिश कर रही।
जासं, चंदौली : विद्युत कर्मचारियों ने विभाग के निजीकरण के खिलाफ कार्य बहिष्कार कर बुधवार को अधीक्षण अभियंता समेत एक्सईएन कार्यालयों के समक्ष धरना दिया। आरोप लगाया सरकार नियमों में परिवर्तन कर निजी घरानों को अनुचित लाभ पहुंचाने की कोशिश कर रही।
वक्ताओं ने कहा विद्युत अधिनियम 2003 में प्रस्तावित संशोधन देश के गरीबों, किसानों, निर्बल व असहाय वर्ग के हित में नहीं है। इस बिल से पूंजीवादी व्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। कमजोर वर्ग का दमन और शोषण होगा। दो दशक से समय समय पर सरकारों द्वारा उपभोक्ताओं को निश्शुल्क कनेक्शन व ब्याजमाफी जैसी आकर्षक योजनाओं के माध्यम से प्रलोभन दिया जा रहा। इससे हो रहे घाटे की भरपाई के बजाय बढ़ते घाटे का हर सम्भव ठीकरा कर्मचारियों पर फोड़ा जा रहा। सरकार की योजनाओं को बेहतर ढंग से जन जन तक पहुंचाना कर्मचारियों की नैतिक जिम्मेदारी है। सरकार के आदेश के अनुपालन से हो रहे घाटे की शत-प्रतिशत जिम्मेदारी सरकार की ही है। वक्ताओं ने 2000 के बाद नई भर्ती पर पुरानी पेंशन, वेतन विसंगितयों का तत्काल निराकरण, सभी श्रेणी के समस्त रिक्त पदों पर नियमित भर्ती की जाए और नियमित प्रकृति के कार्यों में संविदा, ठीकेदारी प्रथा समाप्त कर संविदा कर्मियों को वरीयता देते हुए नियमित भर्ती की जाए। अध्यक्षता दलसिगार यादव, संचालन दयानंद त्रिपाठी ने किया। दिनेश सिंह, जेई घनश्याम, डीके पांडेय, जितेंद्र गुप्ता, अरविद पाल, रविप्रकाश मौर्य, शहनवाज आलम, मनोज सिंह, बनारसी पांडेय, मोहित, राहुल सिंह, इकराम आदि मौजूद थे। नियामताबाद प्रतिनिधि के अनुसार कर्मचारियों ने विभिन्न मांगों को लेकर अधीक्षण अभियंता कार्यालय के समक्ष धरना दिया। संजीवधर दुबे, प्रवीन कुमार सिंह, अंकुर पांडेय, मेंहदी, नरेंद्र गोपाल शुक्ल, सर्वेश पांडेय, एके शुक्ला, जयकार पटेल आदि थे।