सर्दी में हृदय व ब्लडप्रेशर के रोगी न करें मार्निंगवॉक
सर्दियों में राइनो व कोल्ड वायरस से लोग अधिक पीड़ित होते हैं। हृदयाघात ब्लडप्रेशर व आर्थराइटिस वाले मरीजों को सर्दियों में विशेष बचाव जरूरी है। हार्ट व ब्लडप्रेशर के रोगी मार्निंगवॉक से परहेज करें। जरूरी समझें तो धूप निकलने के बाद ही टहलें। क्योंकि रक्तचाप बढ़ने व सर्दी से हृदयाघात हो सकता है। यह जानकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की वरिष्ठ चिकित्सक डा. कांती त्रिपाठी ने शुक्रवार को बातचीत के दौरान दी।
जासं, चकिया (चंदौली) : सर्दियों में राइनो व कोल्ड वायरस से लोग अधिक पीड़ित होते हैं। हृदयाघात, ब्लडप्रेशर व आर्थराइटिस वाले मरीजों को सर्दियों में विशेष बचाव जरूरी है। हार्ट व ब्लडप्रेशर के रोगी मार्निंगवॉक से परहेज करें। जरूरी समझें तो धूप निकलने के बाद ही टहलें। क्योंकि रक्तचाप बढ़ने व सर्दी से हृदयाघात हो सकता है। यह जानकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की वरिष्ठ चिकित्सक डा. कांती त्रिपाठी ने शुक्रवार को बातचीत के दौरान दी।
कहा राइनो और कोल्ड वायरस का सबसे ज्यादा अटैक इस मौसम में होता है। शिशुओं एवं गर्भवती महिलाओं को ठंड के मौसम में सतर्क रहना चाहिए। इस समय बीमारी का ग्रोथ अधिक होता है। इसमें लोगों को बुखार आने लगता है। महिलाओं में कमर दर्द की शिकायत बढ़ जाती है। कैल्शियम एवं विटामिन डी-3 गोली का सेवन करने से फुर्ती बनी रहती है। दर्द से निवारण मिलता है। कहा झोलाछापों के चक्कर में पड़ कर अपनी बीमारियों को और अधिक न बढ़ाएं। ब्लड प्रेशर, हार्टअटैक और आर्थराइटिस के मरीजों को सर्दी में विशेष बचाव करनी चाहिए। वायरस से फैलने वाले वायरल फीवर में लोगों को खांसी, जुकाम, सर्दी, सीने में दर्द आदि की समस्या भी होती है। जानकारी और बचाव सबसे प्राथमिक उपचार है। ग्रसित लोगों को भीड़भाड़ वाली जगहों पर खांसना और छींकना नहीं चाहिए। नाक पर रुमाल व मास्क लगाकर निकलने से स्वयं भी बचें और लोगों को भी इसके संक्रमण में आने से बचाएं। क्योंकि यह हवा के माध्यम से एक दूसरे में ट्रांसफर हो जाता है। गर्म पानी का इस्तेमाल करें।