सावधान! कहीं रंग में भंग न डाल दें मिलावटी खाद्य पदार्थ
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जासं, चकिया (चंदौली) : होली पर्व खाने और रंग खेलने का पर्व है। इस दिन सुबह से ही लोगों का घरों में आना-जाना शुरू हो जाता है और उनका स्वागत पकवानों से होता है। हर घर में पकवान बनते हैं, इसलिए सामग्रियों में मिलावट की आशंका तो रहती ही, दुकानों पर ज्यादा बिक्री के दबाव में दुकानदार भी लालच में फंसकर मिलावट कर देते हैं या फिर घटिया रंग लगाकर चमका देते हैं, जो रंग में भंग डाल सकती है। ऐसे में सावधान रहने की जरूरत है।
होलिका दहन के बाद से ही लोगों का घरों में आना जाना शुरू हो जाता है। घर में तो तरह-तरह के पकवान बनते ही हैं। लोग बाजार से भी मिठाई व अन्य खाद्य पदार्थ लेकर रख लेते हैं। होली मिलने पहुंचने वालों का आदर सत्कार भी इन्हीं पकवानों से होता है। चूंकि मुनाफाखोरी के चक्कर में कारोबारी लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ करने से भी नहीं चूकते। यही नहीं कई दुकानों पर तो खुले में खाद्य पदार्थों की बिक्री की जा रही। लिहाजा होली पर घरों में भी बनने वाले पकवान में मिलावट हो सकती है। क्योंकि बाजार में मैदा, खोवा, मावा में मिलावट के साथ ही रिफाइन, सरसों के तेल में भी मिलावट की संभावना बनी रहती है। खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से पहले की तरह इस बार भी सिर्फ औपचारिकता ही निभाई जा रही। नगर सहित कस्बाई बाजारों में कुछ दिनों पूर्व चलाए गए अभियान के दौरान विभाग की टीम ने कुछ चुनिदा दुकानों से खाद्य पदार्थों के नमूने लेकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली।
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वर्जन-
खाद्य पदार्थो में मिलावट को रोकने के लिए सघन अभियान चल रहा। यदि किसी को मिलावट का शक होता है तो विभाग को सूचना दें, मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सुशील कुमार, जिला अभिहीत अधिकारी