कैबिनेट मंत्री का निर्देश बेअसर, ओवरलोडिग जारी
निर्देश के बाद से और बढ़ गई ओवरलोडिग
जासं, सैयदराजा (चंदौली) : केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री और स्थानीय सांसद डा. महेंद्रनाथ पांडेय के निर्देश के बाद भी ओवरलोड ट्रकों का संचालन नहीं रुक रहा। बल्कि ट्रकों का आवागमन और बढ़ गया है। बता दें कि ओवरलोडिग रोकने को डा. पांडेय ने प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी और अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी के साथ डीएम, एसपी से बात की थी। निर्देश के बाद आशा व्यक्त की जा रही थी कि ओवरलोड रुकेगी, लेकिन रुकने की बजाय यह और बढ़ गई है।
लॉकडाउन में छूट के बाद से ही नौबतपुर में धड़ल्ले से बालू की तस्करी की जा रही है। एक तरफ जिले के आला अधिकारी कोरोना के संक्रमण के प्रभाव को कम करने के लिए दिन-रात लगे हैं। उधर खनन और संभागीय परिवहन विभाग की चुप्पी से नौबतपुर में ओवरलोड ट्रकों और बालू के तस्करी का खेल अनवरत जारी है। इससे डायवर्जन पुल के टूटने की संभावना बढ़ गई है। पुल की नींव दरकने के बाद भी अधिकारियों की नींद नहीं टूटी, जबकि एनएचएआइ के अधिकारियों ने वाराणसी, चंदौली और कैमूर के जिला प्रशासन से ओवरलोड ट्रकों पर रोक लगाने की मांग की थी। डीएम का आदेश भी ठेंगे पर
दैनिक जागरण में ओवरलोड, अवैध खनन, बालू तस्करी खबर प्रकाशित होने के जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने यूपी बिहार बार्डर के नौबतपुर में 24 घंटे परिवहन विभाग और खनन विभाग की ड्यूटी लगाई थी। उन्होंने बालू तस्करी और ओवरलोड पर पूरी तरीके से रोक लगाने को कहा था। चार दिन तक तो परिवहन की टीम समय से पहुंची, लेकिन खनन की टीम कोरमपूर्ति करके चली जा रही थी। बॉर्डर पर टीम लगाने से बालू माफियाओं में खलबली मच गई थी और बिहार में लंबा जाम लग गया था। इसके लिए मंडलायुक्त को भी आना पड़ा, जाम जैसे-तैसे छूटा, लेकिन ओवरलोडिग बंद नहीं हुई। खनन विभाग की चुप्पी, दलालों के हौसले बुलंद
बिहार से बालू लोडिग के बाद बिहार सरकार द्वारा जो रवन्ना या चालान दिया जाता है। उसके अनुसार बालू की बिक्री केवल बिहार तक ही सीमित है। उत्तर प्रदेश में बालू के अंडरलोड या ओवरलोड ट्रक प्रवेश करते हैं तो उसे बालू तस्करी माना जाएगा। इन गाड़ियों पर कार्रवाई करने का अधिकार खनन विभाग को है। रोज लगभग एक हजार ट्रकें सीमा में प्रवेश करते हैं। इन गाड़ियों पर करवाई की जाए तो जिले का राजस्व काफी बढ़ जाएगा। खनन विभाग द्वारा इन गाड़ियों पर कोई करवाई ना होने की वजह से दलालों के हौसले बुलंद हैं। बालू तस्करी की कोई जानकारी नहीं है। बार्डर पर विभागीय लोग काम कर रहे हैं और कार्रवाई भी हो रही है।
-अरविद कुमार, जिला खनन अधिकारी।