Move to Jagran APP

बैंक की हड़ताल से याद आया नोटबंदी का दौर

पांच साल पूर्व यानी आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा के बाद लोगों को उस दौरान हुई परेशानी का दौर याद आ गया। दो दिवसीय बैंक की हड़ताल और रविवार की बंदी ने उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ा दी है। तीन दिन बैंकों की बंदी के बाद एटीएम पर ग्राहकों की लंबी कतार देखने को मिल रही है। अधिकांश एटीएम का शटर बंद होने और कुछ जगहों से रुपये खत्म होने से उपभोक्ताओं की परेशानी और बढ़ गई है। कुछ एटीएम से रुपये निकल रहे हैं तो वहां लंबी लंबी लाइन लग रही है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 02 Feb 2020 05:56 PM (IST)Updated: Sun, 02 Feb 2020 05:56 PM (IST)
बैंक की हड़ताल से याद आया नोटबंदी का दौर
बैंक की हड़ताल से याद आया नोटबंदी का दौर

जासं, पीडीडीयू नगर (चंदौली) : दो दिवसीय बैंकों की हड़ताल और रविवार की बंदी ने उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ा दी है। तीन दिन बैंकों की बंदी के बाद एटीएम पर ग्राहकों की लंबी कतार देखने को मिल रही है। अधिकांश एटीएम का शटर बंद होने और कुछ जगहों से रुपये खत्म होने से उपभोक्ताओं की परेशानी और बढ़ गई है। कुछ एटीएम से रुपये निकल रहे हैं तो वहां लंबी लाइन लग रही है। ऐसे में उपभोक्ताओं को नोटबंदी का दौरा याद आने लगा है।

loksabha election banner

प्रधानमंत्री की नोटबंदी की घोषणा जिसने सुनी अवाक रह गया लेकिन बात सच थी। पांच सौ और एक हजार के नोट चलन से बाहर किए गए। बैंकों के बाहर ग्राहकों की लंबी-लंबी कतारें लग गईं। हालांकि समय बीतने के साथ सबकुछ सामान्य हो गया। अब दो दिवसीय बैंक हड़ताल से आम जनजीवन पर बड़ा प्रभाव पड़ा है। एटीएम सेवा प्रभावित हो गई है। सड़कों और बाजार के एटीएम पर सुबह से ही लोगों की लाइन लग जा रही है। घंटों लाइन में लगे रहने के बाद लोगों का नंबर आ रहा है। कई एटीएम के शटर बंद रहे। रेलवे के सर्कुलेटिग एरिया के भारतीय स्टेट बैंक शाखा के एटीएम से रुपये निकल रहे थे जहां लोगों की लाइन लगी रही। कई लोग एटीएम के चक्कर में इधर उधर भटकते रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.