बैंक की हड़ताल से याद आया नोटबंदी का दौर
पांच साल पूर्व यानी आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा के बाद लोगों को उस दौरान हुई परेशानी का दौर याद आ गया। दो दिवसीय बैंक की हड़ताल और रविवार की बंदी ने उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ा दी है। तीन दिन बैंकों की बंदी के बाद एटीएम पर ग्राहकों की लंबी कतार देखने को मिल रही है। अधिकांश एटीएम का शटर बंद होने और कुछ जगहों से रुपये खत्म होने से उपभोक्ताओं की परेशानी और बढ़ गई है। कुछ एटीएम से रुपये निकल रहे हैं तो वहां लंबी लंबी लाइन लग रही है।
जासं, पीडीडीयू नगर (चंदौली) : दो दिवसीय बैंकों की हड़ताल और रविवार की बंदी ने उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ा दी है। तीन दिन बैंकों की बंदी के बाद एटीएम पर ग्राहकों की लंबी कतार देखने को मिल रही है। अधिकांश एटीएम का शटर बंद होने और कुछ जगहों से रुपये खत्म होने से उपभोक्ताओं की परेशानी और बढ़ गई है। कुछ एटीएम से रुपये निकल रहे हैं तो वहां लंबी लाइन लग रही है। ऐसे में उपभोक्ताओं को नोटबंदी का दौरा याद आने लगा है।
प्रधानमंत्री की नोटबंदी की घोषणा जिसने सुनी अवाक रह गया लेकिन बात सच थी। पांच सौ और एक हजार के नोट चलन से बाहर किए गए। बैंकों के बाहर ग्राहकों की लंबी-लंबी कतारें लग गईं। हालांकि समय बीतने के साथ सबकुछ सामान्य हो गया। अब दो दिवसीय बैंक हड़ताल से आम जनजीवन पर बड़ा प्रभाव पड़ा है। एटीएम सेवा प्रभावित हो गई है। सड़कों और बाजार के एटीएम पर सुबह से ही लोगों की लाइन लग जा रही है। घंटों लाइन में लगे रहने के बाद लोगों का नंबर आ रहा है। कई एटीएम के शटर बंद रहे। रेलवे के सर्कुलेटिग एरिया के भारतीय स्टेट बैंक शाखा के एटीएम से रुपये निकल रहे थे जहां लोगों की लाइन लगी रही। कई लोग एटीएम के चक्कर में इधर उधर भटकते रहे।