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प्रसव बाद शिशु की मौत, सदर पीएचसी में हंगामा

सदर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में शुक्रवार की रात प्रसव के दो घंटे बाद नवजात शिशु की मौत हो गई। रात्रि में परिजन शव के साथ घर लौट गए लेकिन शनिवार की सुबह चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए पीएचसी में हंगामा कर दिया। कहा नवजात शिशु की बाहरी इंजेक्शन लगाने से मौत हुई। पीड़ित परिवार ने चिकित्सक के खिलाफ कोतवाली में तहरीर दी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Nov 2018 08:17 PM (IST)Updated: Sat, 10 Nov 2018 10:56 PM (IST)
प्रसव बाद शिशु की मौत, सदर पीएचसी में हंगामा
प्रसव बाद शिशु की मौत, सदर पीएचसी में हंगामा

जागरण संवाददाता, चंदौली : सदर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में शुक्रवार की रात प्रसव के दो घंटे बाद नवजात शिशु की मौत हो गई। रात्रि में परिजन शव के साथ घर लौट गए लेकिन शनिवार की सुबह चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए पीएचसी में हंगामा कर दिया। कहा कि नवजात शिशु की बाहरी इंजेक्शन लगाने से मौत हुई। पीड़ित परिवार ने चिकित्सक के खिलाफ कोतवाली में तहरीर दी।

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थाना क्षेत्र के जसुरी गांव निवासी प्रदीप की पत्नी रीना देवी को प्रसव पीड़ा होने पर शुक्रवार की दोपहर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। शाम छह बजे रीना ने बेटे को जन्म दिया। लेकिन आठ बजे के आसपास शिशु की तबियत खराब हो गई। चिकित्सकों ने उपचार किया और बाहर से इंजेक्शन मंगाया। इसके बाद भी हालत बिगड़ती गई और साढ़े आठ बजे शिशु की मौत हो गई। परिवार के लोग रोते बिलखते शिशु के साथ घर गए और उसका अंतिम संस्कार कर दिया। शनिवार की सुबह नाराज परिजन अस्पताल पहुंचे और हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा के चलते अस्पताल में काफी भीड़ लग गई। चिकित्सक उन्हें समझाने का प्रयास करने लगे लेकिन वे चिकित्सक पर कार्रवाई की मांग करने लगे। चिकित्सकों ने किसी तरह उन्हें शांत किया लेकिन वे कोतवाली पहुंचे और एक चिकित्सक, एएनएम के खिलाफ थाने में तहरीर दी।

बता दें कि कुछ दिनों पूर्व एक ही दिन प्रसव के बाद दो शिशुओं की मौत हो गई थी। इस पर परिजनों ने जमकर हो-हल्ला मचाया था। उस समय परिजनों को मामले की जांच का आश्वासन देकर शांत कराया गया था। लेकिन जांच प्रक्रिया ठंडे बस्ते में चली गई। फिर प्रसव बाद शिशु की मौत हो गई और परिजनों ने स्वास्थ्य कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाया। 'प्रसव बाद बच्चा एकदम ठीक था। रात में बच्चे की मां ने दूध पिलाया और सो गई। बच्चे की श्वांस रुकने से मौत हुई। रात में नर्स राउंड पर गई तो बच्चे का चेहरा नीला पड़ा देखा। उन्होंने लापरवाही के आरोप को सिरे से खारिज कर दिया।

डा. प्रदीप पांडेय, ईएमओ


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