इंटरनेट की सुस्त चाल से उपभोक्ता बेहाल
सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर जिला प्रशासन ने इंटरनेट सेवाओं पर पहरा क्या लगाया मोबाइल धारकों के लिए तो जैसे समय ही ठहर गया। सोशल मीडिया पर उपस्थिति दर्ज नहीं करा पाने की बेबसी आक्रोश बनकर मुंह से फूट रही थी। नजर बार-बार मोबाइल पर इस उम्मीद से जा रही थी कि शायद इंतजार की घड़ी समाप्त हो जाए।
जासं, चंदौली : नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में देश में हो रहे हिसंक प्रदर्शनों को देखते हुए अफवाहों पर रोक लगाने को जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर मोबाइल इंटरनेट सेवा ठप करा दी है। वहीं ब्रांडबैंड सेवा पर भी पहरा लगने की वजह से चाल सुस्त हो गई है। इसके चलते शनिवार को उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ा। कलेक्ट्रेट परिसर स्थित सहायक निबंधन रजिस्ट्रार कार्यालय में सन्नाटा पसरा रहा। दफ्तरों व बैंकों में कामकाज में बाधा आई। मोबाइल इंटरनेट ठप होने से उपभोक्ता परेशान दिखे। सोशल मीडिया पर लोगों का दूसरों से संपर्क टूट गया। ऐसे में एक-दूसरे को फोनकर पूछते रहे कि आखिर कब मोबाइल इंटरनेट चालू होगा।
ब्रांडबैंड की धीमी रफ्तार ने आम उपभोक्ताओं के साथ ही अधिकारियों-कर्मचारियों को भी खूब रूलाया। साइबर कैफे संचालकों को दिक्कत हुई। वहीं दफ्तरों और बैंकों में कामकाज की रफ्तार थम गई। इंटरनेट सुस्त होने से डाटा अपलोड करने और अन्य कार्यों को संपादित करने में फजीहत उठानी पड़ी। पीडीडीयू नगर प्रतिनिधि के अनुसार सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर जिला प्रशासन ने इंटरनेट सेवाओं पर पहरा क्या लगाया मोबाइल धारकों के लिए तो जैसे समय ही ठहर गया। सोशल मीडिया पर उपस्थिति दर्ज नहीं करा पाने की बेबसी आक्रोश बनकर मुंह से फूट रही थी। नजर बार-बार मोबाइल पर इस उम्मीद से जा रही थी कि शायद इंतजार की घड़ी खत्म हो जाए। कभी जिला प्रशासन को कोस रहे थे तो कभी दूर संचार विभाग पर भड़ास निकाल रहे थे। मोबाइल की नेट सेटिग में इस उम्मीद से छेड़छाड़ कर रहे थे कि शायद किसी तरह काम बन जाए। अधिकांश लोग मोबाइल फोन से दूरी बनाए रहे।