छह माह से नहीं खुला सामुदायिक शौचालय का ताला
जागरण संवाददाता चकिया (चंदौली) गांव को स्वच्छ बनाने की मुहिम को जिम्मेदार पलीता लगा रहे ह
जागरण संवाददाता, चकिया (चंदौली) : गांव को स्वच्छ बनाने की मुहिम को जिम्मेदार पलीता लगा रहे हैं। वित्तीय वर्ष में प्रत्येक ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण शुरू हुआ। ज्यादातर बने तो विकास क्षेत्र में एक दर्जन ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्य अधूरा है। जिन गांवों में निर्माण पूर्ण भी हुआ तो उनके गेट पर ताला लटका है। ऐसे में ग्रामीणों का खुले में शौच को जाना विवशता बनी है।
सामुदायिक शौचालय निर्माण में विकास क्षेत्र फिसड्डी साबित हो रहा है। भूमि के अभाव में पीतपुर ग्राम पंचायत में सामुदायिक शोचालय नहीं बन पाया है। बीते वित्तीय वर्ष 2020- 21 में विकास क्षेत्र के 88 ग्राम पंचायतों में पंद्रहवें वित्त आयोग से निर्माण लक्ष्य मार्च तक रखा गया था। 4 लाख 36 हजार की लागत से प्रत्येक ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण होना था। 46 हजार 2 सौ रुपए मनरेगा व शेष धन चौदहवें वित्त के तहत आवंटित हुआ। ब्लाक के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायतों में शौचालय निर्माण को लेकर जोर तो दिया गया लेकिन मानिटरिग नहीं होने से दुबेपुर, हरिपुर, लालपुर समेत 32 ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण अधूरा हुआ है। स्वच्छता के साथ रोजगार भी मिला
जिला पंचायत राज विभाग द्वारा निर्मित सामुदायिक शौचालय का मकसद स्वच्छता के साथ ही गांव में रोजगार दिया जाना है। योजना के तहत गांव की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को सामुदायिक शौचालय सुपुर्द कर रखरखाव, साफ सफाई करानी है। इसके एवज में समूह को प्रतिमाह छह हजार रुपये मानदेय व रखरखाव, साफ सफाई सामग्री के लिए तीन हजार रुपए प्रतिमाह ग्राम पंचायत द्वारा देने की व्यवस्था है। सामुदायिक शौचालय प्रतिदिन सुबह 5 बजे से सायं 8 बजे रात्रि तक समस्त ग्रामवासियों के लिए खुला रखने का निर्देश है। बिना काम किए खातों में
भेज दिया पैसा
योजना के तहत विकास क्षेत्र में निर्मित 56 ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय निर्माण के बाद बकायदा स्वयं सहायता समूह गठन कर दिया गया। अभी तक शौचालयों का ताला ही नहीं खुला है बावजूद इसके यहां तैनात की गई समूह की महिला कर्मी के खातों में तीन माह का मानदेय व साफ सफाई सामग्री खर्च कुल 27 हजार रुपये आहरित किया गया है।
विकास क्षेत्र के रामपुर ग्राम पंचायत में बना सामुदायिक शौचालय लापरवाही की भेंट चढ़ गया है। निर्माण के छह माह बाद भी शौचालय भवन के दरवाजों पर ताले लटके हैं। ताले की चाबी किसके पास है गांव के लोगों को पता नहीं है।
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बोले ग्रामीण
बारह हजार की लागत वाले शौचालय का लाभ नहीं मिला। रामपुर के कगरा बस्ती में सड़क किनारे ग्राम पंचायत की भूमि में सामुदायिक शौचालय निर्माण हुआ तो घर की महिलाओं समेत बच्चों व खुद को खुले में शौच करने की प्रवृत्ति बंद होने की उम्मीद जगी लेकिन ताला बंद होने से कोई लाभ नहीं मिल रहा है।
मुन्ना राम
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सामुदायिक शौचालय निर्माण के बाद से बंद है। इसकी चाबी को लेकर ग्राम पंचायत अधिकारी से भी कहा गया लेकिन वे कुछ बोलने को तैयार ही नहीं हैं। सामुदायिक शौचालय का उपयोग नहीं होने से देखरेख की जिम्मेदारी लिए समूह की महिला की तैनाती हुई लेकिन वे कभी आती ही नहीं हैं।
अनिल कुमार
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ग्राम पंचायत अधिकारी के मनमाने रवैए के कारण सामुदायिक शौचालय का ताला निर्माण के बाद आम जनता के लिए नहीं खुल सका है। गांव के लोगों में खुले में शौच करने की प्रवृत्ति पहले जैसी ही बनी हुई है। उपेक्षा के चलते शौचालय भवन के सामने लगा हैंडपंप उखड़ने के कगार पर पहुंच गया है।
बाल चरन
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वर्जन
सामुदायिक शौचालय निर्माण के बाद बंद पड़े ताले की शिकायत जहां कहीं मिली है। संबंधित ग्राम पंचायत अधिकारियों को नोटिस जारी की जा रही है। कार्य न करने वाले स्वयं सहायता समूह की जांच उपरांत रिकवरी की कार्रवाई की जाएगी। सत्येंद्र कुमार श्रीवास्तव, एडीओ पंचायत, चकिया