पंडित दीनदयाल संग्रहालय की खूबसूरती निहारते रह गए 10 राज्यों के सीएम
पड़ाव (चंदौली) एकात्मवाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय का पड़ाव स्थित स्मारक काशी के साथ ही पूरे देश में अमिट छाप छोड़ रहा है।
जागरण संवाददाता, पड़ाव (चंदौली) : एकात्मवाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय का पड़ाव स्थित स्मारक काशी के साथ ही पूरे देश में अमिट छाप छोड़ रहा है। पर्यटन को बढ़ाव के साथ रोजगार के अवसर बढ़ने में सहयोगी बन रहा है। सोमवार को काशी में बाबा विश्वनाथ धाम की अद्वितीय, अकल्पनीय, अविश्वसनीय, अवर्णनीय अलौकिक छटा देखने के बाद मंगलवार को एक साथ पहुंचे देश के 10 मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री और उनकी पत्नियां संग्रहालय की खूबसूरती को निहारती रह गईं। किसी जिले के लिए यह रिकार्ड ही है कि एक दिन में सीएम, डिप्टी सीएम का आगमन हुआ हो।
दुनिया में कई तरह के विचारक हुए। जिनके नाम की पहचान उनके कामों से हुई। इन्हीं विचारकों में एक नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय का भी है। वे एक विचारक ही नहीं बल्कि अर्थशास्त्री, समाजशास्त्री इतिहासकार और पत्रकार भी थे। दीनदयाल उपाध्याय भारतीय जनसंघ के नेता और भारतीय राजनीतिक एवं आर्थिक चितन को वैचारिक दिशा देने वाले पुरोधा थे। वे उस परंपरा के वाहक थे जो नेहरू के भारत नवनिर्माण की बजाय भारत के पुनर्निर्माण की बात करती है। एकात्म मानववाद के रूप में पंडित उपाध्याय ने भारत की तत्कालीन राजनीति और समाज को उस दिशा में मुड़ने की सलाह दी है, जो सौ फीसदी भारतीय है। वे मानव को विभाजित करके देखने के पक्षधर नहीं थे।
चौराहे को पंडित जी का माना गया अंतिम पड़ाव
पड़ाव चौराहे से महज कुछ किलोमीटर दूर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन के यार्ड में पंडित जी का शव मिला था। इसीलिए चौराहे को उनका अंतिम पड़ाव मना गया। इसके बाद यहां उनके विचारों को जन जन तक पहुंचाने के लिए संग्रहालय का निर्माण कराया गया है। इस स्मारक में प्रतिमा के साथ संग्रहालय, प्रदर्शनी, कुंड का निर्माण हुआ है। दीवारों पर पंडित उपाध्याय के जीवन सिद्धांत और आदर्श वाक्यों को उकेरा गया है। यहां एक साथ अरुणाचल प्रदेश, गोवा, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री संग्रहालय की खूबसूरती देखने के लिए पहुंचे।
आज रामलला का करेंगे दर्शन
काशी की संस्कृति व इतिहास को जानने के बाद 12 राज्यों के मुख्यमंत्री बुधवार यानि 15 दिसंबर को रामलला के दर्शन पूजन करने जाएंगे। साथ ही अयोध्या में रात्रि प्रवास भी करेंगे। उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार, नागालैंड, मणिपुर, त्रिपुरा, गुजरात, हरियाणा, गोवा इन राज्यों के मुख्यमंत्री के साथ दो बिहार और एक अरुणाचल प्रदेश के डिप्टी सीएम भी भाग लेंगे। वहीं, सिक्किम, मेघालय, मिजोरम, कर्नाटक, पुदुचेरी आदि के मुख्यमंत्री पहुंचेंगे। सभी नेताओं का स्वागत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे।