विवादों से नाता रहा गिरफ्तार चौबेपुर थानाध्यक्ष का
कानपुर के बिकरू कांड में गिरफ्तार हुए चौबेपुर थानाध्यक्ष विनय तिवारी का चंदौली जिले में भी विवादों से नाता बना रहा। क्राइम ब्रांच में सर्विलांस प्रभारी के पद पर रहे विनय पर अक्सर किसी न किसी मामले में अंगुली उठती रही। कभी शराब कारोबारियों से गठजोड़ तो कभी आपराधिक मामलों के खुलासे में सवालों
जागरण संवाददाता, चंदौली : कानपुर के बिकरू कांड में गिरफ्तार हुए चौबेपुर थानाध्यक्ष विनय तिवारी का चंदौली जिले में भी विवादों से नाता बना रहा। क्राइम ब्रांच में सर्विलांस प्रभारी के पद पर रहे विनय पर अक्सर किसी न किसी मामले में अंगुली उठती रही। कभी शराब कारोबारियों से गठजोड़ तो कभी आपराधिक मामलों के खुलासे में सवालों के घेरे में रहे। कानपुर की घटना के बाद जिले में अब भी यह दारोगा चर्चा का विषय बना है।
करीब तीन साल पहले धीना थाने के एक गांव में बीट दारोगा रहे विनय पर मारपीट में एक व्यक्ति की हत्या होने के बाद पीड़ित पक्ष ने आरोप लगाया था कि आरोपित पक्ष से सांठगांठ कर मामले को हल्का कर दिया गया। जांच में पुष्टि होने के बाद लाइन हाजिर हुए थे। यहां से चौकी प्रभारी चकिया बने लेकिन विवादों ने पीछा नहीं छोड़ा बिहार के लिए हो रही शराब तस्करी में इनका नाम उछला तो तत्कालीन एसपी ने कार्रवाई कर दी। अधिकारियों को अपने फेवर में करने का गुण भी इनके पास है। डेढ़ साल पहले इन्हें क्राइम ब्रांच में सर्विलांस प्रभारी की जिम्मेदारी मिली। कुछ ही दिन बाद लौंदा गांव के पास एक अपराधी के इनकाउंटर में इन पर अंगुली उठी थी, हालांकि जांच के दौरान शासन से इन्हें क्लीनचिट मिल गई। कुछ ही दिन बाद आरोप लगने लगे शराब के बड़े कारोबारियों से इनकी सांठगांठ हो गई। वहीं शराब की खेफ पकड़ी गई जो इनके संपर्क में नहीं आया। बाकी धड़ल्ले से हरियाणा, हिमाचल, एमपी की शराब बिहार तस्करी हुई। उसी दौरान रामनगर थाने के तीन सिपाहियों की शराब तस्करी में संलिप्ता उजागर हुई तो इनका भी नाम जोर शोर से उछला लेकिन ऊंची पकड़ का इन्हें फायदा मिला। पुलिस सूत्रों की मानें तो इनका लोगों से संपर्क का नेटवर्क काफी बड़ा था। पुलिस की किरकिरी होते ही कुछ दिन बाद नया खुलासा हो जाता था। कानपुर के बिकरू की घटना ने इस दारोगा की कलई ही खोलकर रख दी है।