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बजट ने मध्यम वर्ग को पहुंचाई राहत, अच्छे दिनों की मिली आहट

केंद्र सरकार के अंतरिम बजट पर नजर गड़ाए बैठे व्यापारियों, नौकरी पेशा, महिलाओं और किसानों को सरकार से जिस राहत की उम्मीद थी काफी हद तक मिली। टैक्स छूट की सीमा बढ़ाकर पांच लाख किए जाने के फैसले को सबसे सराहा।

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Feb 2019 11:59 PM (IST)Updated: Fri, 01 Feb 2019 11:59 PM (IST)
बजट ने मध्यम वर्ग को पहुंचाई राहत, अच्छे दिनों की मिली आहट
बजट ने मध्यम वर्ग को पहुंचाई राहत, अच्छे दिनों की मिली आहट

जागरण संवाददाता, पीडीडीयू नगर, (चंदौली) : केंद्र सरकार के अंतरिम बजट पर नजर गड़ाए बैठे व्यापारियों, नौकरी पेशा, महिलाओं और किसानों को सरकार से जिस राहत की उम्मीद थी काफी हद तक मिली। टैक्स छूट की सीमा बढ़ाकर पांच लाख किए जाने के फैसले को सबने सराहा। इसका सीधा लाभ छोटे, मझोले उद्यमियों के साथ नौकरी पेशा लोगों को मिलेगा। वित्त मंत्री के पिटारे से सबके लिए कुछ न कुछ निकला, मजदूरों के लिए श्रम योगी मान धन योजना थी तो नौकरीपेशा लोगों के लिए ग्रेच्युटी की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख तक कर दी गई। मुद्रा योजना में लोन की सीमा बढ़ाने से रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। बड़े उद्यमियों की बांछे इसलिए नहीं खिल पाईं क्योंकि उन्होंने सरकार से और ज्यादा की उम्मीद लगा रखी थी। अर्थशास्त्रियों ने इसे मध्यम और मजदूर वर्ग का चुनावी बजट बताया। छोटे व्यापारी खुश तो बड़े उद्यमियों को कुछ खास नजर नहीं आया

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अंतरिम बजट की व्यापारी वर्ग ने भी खुले दिल से सराहना की। बड़े उद्यमी भी लगभग खुश थे लेकिन उन्हें बजट में अपने लिए खास नजर नहीं आया। जबकि बजट को लेकर सबसे ज्यादा दिलचस्पी व्यापारी वर्ग की ही थी। बजट जारी होने के बाद व्यापारी जुटे तो हानि लाभ पर लंबी चर्चा की। सीए भी थे, जिन्होंने तकनीकी पहलुओं के बारे में व्यापारियों को समझाया। सरकार की मंशा के बारे में बताया तो कई ¨बदुओं पर शंकाओं का समाधान भी किया। उद्योगपति विष्णुकांत अग्रवाल के अनुसार बजट संतुलित है। टैक्स मूल्यांकन को इनकम टैक्स आफिस नहीं जाना होगा। 24 घंटे के भीतर इनकम टैक्स रिटर्न प्रोसेस होंगे और तुरंत रिफंड होंगे। आत्माराम तुलस्यान, घनश्याम अग्रवाल और मुरारी लाल का कहना है कि आयकर की सीमा बढ़ाने से लोग टैक्स बचाने की जुगत नहीं करेंगे। हालांकि स्लैब में और बढ़ोत्तरी की उम्मीद थी, ताकि बड़े व्यापारी भी लाभांवित हों। युवा उद्यमी अखिल पोद्दार और अजय जालान कहते ने कहा आइटीआर का सत्यापन आनलाइन होने से अधिकारी व्यापारियों का शोषण नहीं कर सकेंगे। अर्थशास्त्री, सीए ने बताया आम आदमी का चुनावी बजट

अर्थशास्त्री और सीए ने बजट को आम आदमी का चुनावी बजट बताया। लालबहादुर शास्त्री महाविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर डा. हेमंत कुमार ¨सह ने कहा देश में सबसे बड़ी जनसंख्या मध्यम वर्ग की है। बजट में उन्हें साधने का प्रयास किया गया है। टैक्स छूट की सीमा बढ़ाना अच्छा फैसला है। सीए अंजनी ¨सह और तवरेज खां ने कहा कि टैक्स स्लैब में राहत देने के अलावा हाउस प्रापर्टी पर भी रियायत दी गई है। कुल मिलाकर चुनाव के लिहाज से बजट बनाया गया है।

उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के प्रदेश मंत्री चंद्रेश्वर जायसवाल ने कहा इनकम में पांच लाख तक छूट का स्वागत करता हूं। लेकिन इस बजट में उद्यमियों के लिए कुछ भी नहीं है। अंतरिम बजट में हमारे देश के अन्नदाताओं के साथ मजाक हुआ है। जिनको सरकार द्वारा 6000 देने की घोषणा की गई है वो भी एक पार्ट में नहीं तीन पार्ट में दो दो हजार करके। यह बजट मात्र लोक लुभावन बजट है इसके जमीनी स्तर लागू होने में भी संशय है।

1. इनकम टैक्स अधिवक्ता दीपक सिन्हा ने कहा मध्यम वर्ग को राहत पहुंचाई गई है। अर्थ व्यवस्था को इससे खास नुकसान नहीं होगा।

2. गृहणी नीलम ¨सह ने कहा मातृत्व अवकाश बढ़ाया जाना सरकार का अच्छा कदम है। कई अन्य घोषणाओं से महंगाई से राहत मिलेगी।

3. छात्र अमित वैश्य ने कहा सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में भी राहत दी है। फंड को बढ़ाया जाना और 10 फीसदी आर्थिक आरक्षण बेहतर कदम है।

4-युवा प्रभाकर ¨सह ने कहा सरकार की ओर से आयकर में पांच लाख की छूट सराहनीय है। पर शिक्षा के संदर्भ में सरकार का मौन रहना भावी समय के लिहाज से उचित नहीं है।

5-डा. रीतू खरवार ने कहा बजट से मध्यमवर्ग को लाभ मिलेगा। महंगाई से भी राहत मिलेगी।


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