सामुदायिक शौचालय निर्माण में बजट का रोड़ा, 700 अधूरे
फोटो 07 जागरण संवाददाता चंदौली गांवों को खुले में शौचमुक्त करने को बनने वाले सामुदायिक
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जागरण संवाददाता, चंदौली : गांवों को खुले में शौचमुक्त करने को बनने वाले सामुदायिक शौचालयों के निर्माण में बजट का रोड़ा है। ग्राम प्रधान ब्लाक के कर्मचारियों पर सुस्ती का आरोप लगा रहे हैं। ग्राम पंचायतों के खाते में धनराशि होने के बावजूद सचिवों की संस्तुति न होने की वजह से इसे निकाल नहीं पा रहे हैं। इससे निर्माण में तेजी नहीं आ रही। स्थिति यह है कि जिले में अभी तक 700 से अधिक सामुदायिक शौचालयों का निर्माण अधूरा है। कई गांवों में शौचालय बनवाने के लिए भूमि तक चिह्नित नहीं हो सकी है।
शासन ने पांच लाख रुपये की लागत से गांवों में छह व आठ शीट के सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराने का आदेश दिया है। राज्य वित्त व 14वें वित्त से शौचालयों का निर्माण कराया जाना है। सामुदायिक शौचालयों के रखरखाव व देखरेख की जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को दी जाएगी। इसके बदले उन्हें ग्राम पंचायत से हर माह मानदेय व खर्च भी मिलेगा। लेकिन अतिपिछिड़े जिले में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कार्य पिछड़ा हुआ है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह ब्लाक के कर्मचारियों की सुस्ती मानी जा रही है। ग्राम प्रधान आगामी पंचायत चुनाव को देखते हुए गांवों में विकास कार्य को तत्पर हैं। लेकिन सचिव, एडीओ पंचायत आदि की संस्तुति न मिलने की वजह से खाते से पैसा नहीं निकल पा रहा। इसके चलते मैटेरियल कंपोनेंट का भुगतान करना मुश्किल हो रहा है। वहीं निर्माण कार्य जारी रखने के लिए ईंट, गिट्टी, बालू, सरिया आदि की आपूर्ति बाधित हो जा रही। सीडीओ समीक्षा बैठकों में कई बार निर्माण कार्य में तेजी लाने की हिदायत दे चुके हैं, लेकिन इसका कोई असर नहीं हो रहा।
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एक सचिव को आधा दर्जन गांवों की जिम्मेदारी
दरअसल एक सचिव को आधा दर्जन ग्राम पंचायतों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ऐसे में सचिव ग्राम पंचायतों में समय नहीं दे पाते हैं। वहीं ब्लाक पर भी मौजूद नहीं रहते हैं। सचिवों के साथ ही ब्लाक के अन्य अधिकारी-कर्मचारी भी अक्सर क्षेत्र में रहते हैं। इसके चलते ग्राम प्रधानों को चक्कर काटना पड़ रहा है। मुबारकपुर के ग्राम प्रधान विनोद सिंह, छित्तमपुर प्रधान सुरेश कुमार का कहना रहा कि कर्मियों की लापरवाही के चलते निर्माण कार्य बाधित हो रहा है।