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बीएलओ ने घर बैठ किया काम, 30 हजार मतदाताओं के कट गए नाम

नगर के वार्ड चार नेहरू नगर निवासी मंगला यादव संगीता और गीता पिछले चार चुनावों से लोकसभा विधानसभा चुनावों में वोट देती आई हैं। लेकिन इस बार के चुनाव में उनका नाम मतदाता सूची से कट गया। यह कैसे हुआ यह उन्हें भी पता नहीं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 May 2019 09:27 PM (IST)Updated: Sun, 26 May 2019 09:27 PM (IST)
बीएलओ ने घर बैठ किया काम, 30 हजार मतदाताओं के कट गए नाम
बीएलओ ने घर बैठ किया काम, 30 हजार मतदाताओं के कट गए नाम

जितेंद्र उपाध्याय

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चंदौली : नगर के वार्ड चार नेहरू नगर निवासी मंगल यादव, संगीता और गीता पिछले चार चुनावों से लोकसभा, विधानसभा चुनावों में वोट देती आई हैं। लेकिन इस बार के चुनाव में उनका नाम मतदाता सूची से कट गया। यह कैसे हुआ यह उन्हें भी पता नहीं। कहते हैं न कोई बीएलओ उनके घर पहुंचा और न ही कोई कर्मचारी, नाम कटना समझ के परे है। नगर में ये तीन लोग ही इस कारस्तानी से परेशान नहीं 165 लोगों का नाम सूची से गायब था। यह तो मात्र बानगी है, जिले में लगभग 30 हजार मतदाताओं के नाम इस बार सूची में नहीं थे। जबकि 22 हजार ऐसे भी मतदाता हैं जिनके नाम आज तक शुद्ध नहीं हो पाए। आखिर इन्हें मतदान से वंचित किसने किया, यह बड़ा सवाल जिला प्रशासन के लिए है।

चुनाव के दो साल पूर्व ही पुनरीक्षण अभियान शुरू हो जाता है। चुनाव आयोग का स्पष्ट निर्देश रहता कि बीएलओ घर-घर जाकर 18 वर्ष के मतदाताओं का सूची में नाम जोड़ें, मृतकों का नाम हटाएं वहीं जिसके नाम में त्रुटि हो उसमें सुधार करें। इसके लिए बाकायदा मतदेय स्थल स्तर तक अभियान चलता है। इसके बदले आयोग की ओर से सालाना पांच हजार रुपये पारिश्रमिक भी मिलता है। इसके बाद भी सूची से नाम कटना व्यवस्था पर अंगुली उठा रहा। बीएलओ जब एक स्थान पर बैठकर ही सूची के साथ खिलवाड़ करेंगे तो मतदाताओं के नाम तो कटेंगे ही।

मतदान केंद्रों पर बैठे रहते बीएलओ

पुनरीक्षण अभियान के तहत बीएलओ घर-घर न जाकर एक स्थान पर ही बैठकर सूची सुधार का काम करते हैं। जिसका नाम मतदाता सूची में है वे तो यही सोचकर शांत रह जाते कि उनके नाम से छेड़छाड़ नहीं होगी। लेकिन बीएलओ स्तर से उनका नाम कट जाता। मतदान के दिन ही वे जान पाते कि उनका नाम सूची में नहीं है। इस गड़बड़झाले से व्यवस्था पर अंगुली उठना लाजमी है।

नाम कटने की आई 15 सौ शिकायतें

निर्वाचन कंट्रोल रूम में नाम कटने की 1500 शिकायतें आईं। वहीं 2500 शिकायतें पहचान पत्र न मिलने की थी। लेकिन इन मामलों में किसी का कोई समाधान नहीं हो सका। कंट्रोल रूम से इतना ही आश्वासन मिलता कि सूची में नाम शामिल हो जाएगा लेकिन हुआ कुछ नहीं।

'सूची से मतदाताओं का नाम गायब होना पुनरीक्षण कार्य में लापरवाही दर्शाता है। इस मामले को दिखवाया जाएगा। जिस स्तर से कमी है, उसके खिलाफ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी। साथ ही छूटे मतदाताओं के नाम सूची में शामिल किए जाएंगे।

हीरालाल, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी

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