अधिक उत्पादन की दौड़ में रासायनिक उर्वरकों से करें परहेज
कृषि विज्ञान केंद्र के सभागार में मंगलवार को कृषि तकनीकी प्रबंध अभिकरण आत्मा योजना के तहत पांच दिवसीय कृषक कार्यशाला का आयोजन किया गया। हरिओम सेवा संस्थान की ओर से आयोजित प्रशिक्षण में वारा
जागरण संवाददाता, चंदौली : कृषि विज्ञान केंद्र के सभागार में मंगलवार को कृषि तकनीक प्रबंध अभिकरण आत्मा योजना के तहत पांच दिवसीय कृषक कार्यशाला का आयोजन किया गया। हरिओम सेवा संस्थान की ओर से आयोजित प्रशिक्षण में वाराणसी से आए कृषकों को उन्नत खेती के गुर सिखाए गए। किसानों का आह्वान किया गया कि अधिक उत्पादन की दौड़ में रासायनिक उर्वरकों से परहेज करें ताकि मिट्टी की सेहत को स्वस्थ रखा जा सके।
केंद्र के प्रभारी डा.आरपीएस रघुवंशी ने कहा, सरकार किसानों की आय दोगुनी करने को ²ढ़ संकल्प है। ऐसे में किसानों को तकनीकी खेती पर विशेष बल देने की जरूरत है। मसलन खेती से पूर्व मिट्टी की जांच, बीज शोधन आदि पर ध्यान देना होगा। किसानों को धान व गेहूं की खेती के साथ सहफसली खेती को अपनाना होगा। आम व अमरूद के बगीचों में हल्दी व अदरक की भी खेती कर सकते हैं। इससे कम लागत में अधिक मुनाफा होगा। पशुपालन व मत्स्य पालन से भी किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं। उद्यान वैज्ञानिक डा. पीएन ¨सह ने आम व अमरूद के बगीचे लगाने की विधि व सब्जी की खेती कब और कैसे करें की जानकारी दी। बताया कि सब्जी की खेती से घर परिवार का खर्च तो चलेगा ही आय में भी वृद्धि होगी। डा. समीर पाण्डेय ने धान की फसल में लगने वाले रोगों की जानकारी दी। बताया कि मशरूम की खेती व मधुमक्खी पालन के जरिए भी किसान अपनी आय को दोगुनी कर सकते हैं। मृदा वैज्ञानिक डा. एस राम ने मिट्टी की जांच कब क्यों और कैसे की विस्तार से जानकारी दी। कहा जब तक किसान अपने खेतों की मिट्टी की जांच नहीं कराएंगे अधिक उत्पादन की उम्मीद बेमानी है। मिट्टी की जांच से पोषक तत्वों की जानकारी तो होगी ही कमियों को दूर करने भी सहायता मिलेगी। कार्यशाला में संस्थान की सचिव प्रतिभा राय सहित कई किसान उपस्थित थे।