दूषित पानी से चर्मरोग और पेट की बीमारी से ग्रसित बेजुबान
जागरण संवाददाता चकिया/नौगढ़ (चंदौली) काशी वन्यजीव प्रभाग के चकिया व नौगढ।
जागरण संवाददाता, चकिया/नौगढ़ (चंदौली) : काशी वन्यजीव प्रभाग के चकिया व नौगढ़ वन क्षेत्रों में बांध, बंधियों, नालों का पानी दूषित हो गया है। इनके सेवन से पालतू पशु व वन्य जीवों में चर्मरोग, पेट संबंधी बीमारियां हो रहीं। आए दिन बंदर मर रहे हैं। अचानक फैली बीमारियों से चितित वन विभाग पशु चिकित्सकों की सलाह पर बांध, बंधियों, ठहरे जल व जल श्रोतों के पानी की जांच करा रहा। जगह-जगह का नमूना लिया गया है और इसे प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड उ.प्र. जांच को भेजा गया है। जलाशयों व अन्य स्थानों के पानी का इस्तेमाल वनों में रहने वाले लोगों के साथ ही पशु पक्षी व वन्यजीव व्यापक पैमाने पर करते हैं। एक आकलन के अनुसार प्रदूषित जल के सेवन से वन्य जीव के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ रहा है। वहीं पालतू पशु व चरवाहों द्वारा भी जलाशयों का पानी का पीने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके चलते वे भी बीमार पड़ रहे हैं। वन्य जीवों के अलावा पालतू पशुओं में चर्म रोग बढ़ रहा है तो पेट संबंधी बीमारियां हो रही हैं। प्रदूषित जल के सेवन से पशुओं के पेट में कीड़े पड़ रहे इससे वे चारा छोड़ दे रहे और कमजोर हो जा रहे हैं। वन विभाग ने प्रभाग के चकिया रेंज में 10, चंद्रप्रभा, नौगढ़ रेंज में 13-13, जयमोहनी रेंज में 11 व मझगांई में आठ जलजमाव व जलश्रोतों वाले क्षेत्रों से पानी नमूना लिया। इसमें नौगढ़ बांध भी शामिल है। चिन्हित बंधियों, नालों से एक-एक लीटर पानी का सैंपल भरा गया। अधिकारियों के निर्देश पर वन दारोगा, वनरक्षक ने पानी का नमूना एकत्र किया। पशु, पक्षियों और जानवरों की हिफाजत के साथ इंसानों को भी पानी की जांच का फायदा होगा। वेटलैंड (आद्र भूमि) बंधियों और नालों के जल प्रदूषित मिलने पर प्रदूषण विभाग उसे स्वच्छ, निर्मल और गुणवत्ता परक बनाने का तरीका बताएगा।
-रिजवान खान, वन क्षेत्राधिकारी