62 फीसदी वोट पड़े, 100 प्रतिशत से अधिक मतदान की रिपोर्ट
लोकसभा चुनाव में संसदीय क्षेत्र में 62 फीसदी मतदान हुआ। लेकिन निर्वाचन विभाग की ओर से आयोग को कई बूथों पर 100 फीसदी से अधिक मतदान की रिपोर्ट भेज दी गई। निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने इसका अवलोकन किया तो चूक सामने आ गई। कमोवेश प्रदेश के अधिकांश जिलों से भेजी गई रिपोर्ट में यह गलती पाई गई है। इस पर आयोग की ओर से जिला निर्वाचन कार्यालयों से प्रारूप 20 का आंकड़ा तलब किया गया है। आयोग का पत्र मिलने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों में खलबली मची है। इसको लेकर अधिकारी जवाब देने से बच रहे हैं।
जासं, चंदौली : लोकसभा चुनाव में संसदीय क्षेत्र में 62 फीसदी मतदान हुआ। लेकिन निर्वाचन विभाग की ओर से आयोग को कई बूथों पर 100 फीसदी से अधिक मतदान की रिपोर्ट भेज दी गई। निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने इसका अवलोकन किया, तो चूक सामने आ गई। कमोवेश प्रदेश के अधिकांश जिलों से भेजी गई रिपोर्ट में यह गलती पाई गई है। इस पर आयोग की ओर से जिला निर्वाचन कार्यालयों से प्रारूप 20 का आंकड़ा तलब किया गया है। आयोग का पत्र मिलने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों में खलबली मची है। इसको लेकर अधिकारी जवाब देने से बच रहे हैं।
मतदान के बाद आयोग को रिपोर्ट भेजने की जल्दी में गलत आंकड़े ही प्रेषित कर दिए गए। आयोग को जिले के औसत मतदान के साथ ही बूथवार अलग-अलग रिपोर्ट भी भेजी गई। तकरीबन एक दर्जन बूथों की रिपोर्ट में कुल मतदाताओं की संख्या से अधिक मतदाताओं का मतदान प्रदर्शित किया गया है। इसके पीछे कारण माना जा रहा है कि मतदान की रिपोर्ट तैयार करने के दौरान आपरेटरों से चूक हुई होगी। एक ही डाटा कालम में दो बार फीड हो गया होगा। वहीं पीठासीन अधिकारियों ने भी कई बूथों पर प्रारूप में कुल मतदाताओं की संख्या गलत लिख दी। मतगणना के दौरान ईवीएम से मतों की गिनती के दौरान कुल पड़े मतों की संख्या तो पता कर ली गई। लेकिन पीठासीन अधिकारियों की रिपोर्ट को संशोधित नहीं किया गया। इसके चलते आयोग की वेबसाइट पर कई बूथों पर की त्रुटिपूर्ण रिपोर्ट अपलोड हो गई। प्रदेश के अधिकतर जनपदों में इस तरह की शिकायतें मिली हैं। इस पर आयोग ने पत्र भेजकर निर्वाचन विभाग के प्रतिनिधि को प्रारूप 20 की रिपोर्ट के साथ भेजने का निर्देश दिया है। ताकि गलती को सुधारा जा सके।