188 स्कूलों ने नहीं कराया केवाइसी, स्कालरशिप से वंचित हो जाएंगे छात्र
जागरण संवाददाता चंदौली जिले के 188 परिषदीय स्कूलों ने अपना केवाइसी नहीं कराया है। इससे अ
जागरण संवाददाता, चंदौली : जिले के 188 परिषदीय स्कूलों ने अपना केवाइसी नहीं कराया है। इससे अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं की स्कालरशिप (छात्रवृत्ति) अधर में लटक गई है। केंद्र सरकार अल्पसंख्यक वर्ग के विद्यार्थियों को भरण-पोषण के लिए हर माह 100 रुपये देती है। हास्टल में रहने वाले छात्र-छात्राओं को छह सौ रुपये प्रति माह मिलते हैं। स्कूलों का केवाइसी होने पर ही स्कालरशिप के लिए पोर्टल पर आवेदन किया जाता है। स्कूल प्रबंधन की सुस्ती से करीब आठ सौ छात्र स्कालरशिप से वंचित हो सकते हैं।
केंद्र सरकार मुस्लिम, सिख, इसाई संप्रदाय के छात्रों की मदद के लिए हर माह स्कालरशिप प्रदान करती है। इसके लिए छात्र-छात्राओं का राष्ट्रीय स्कालरशिप पोर्टल पर आवेदन कराना होता है। अतिपिछड़े जिले के परिषदीय स्कूलों में भी अल्पसंख्यक वर्ग के लगभग 1300 छात्र-छात्राएं शिक्षा प्राप्त करते हैं। तकरीबन एक हजार स्कूलों ने तो अपना केवाइसी करा दिया। लेकिन 188 विद्यालयों ने केवाइसी नहीं कराया है। इससे यहां पढ़ने वाले छात्रों की स्कालरशिप का भुगतान लटक सकता है। अल्पसंख्यक विभाग शत-प्रतिशत स्कूलों का केवाइसी कराने के लिए शिक्षा विभाग को कई बार पत्र भेज चुका है। लेकिन प्रगति नहीं हो रही है।
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केंद्र सरकार ने केवाइसी
कराना किया अनिवार्य
केंद्र सरकार ने छात्रवृत्ति व स्कालरशिप के लिए सभी विद्यालयों के खाते का केवाइसी कराना अनिवार्य कर दिया है। केवाइसी कराने वाले स्कूलों की डिटेल ही राष्ट्रीय स्कालरशिप पोर्टल पर दिखती है। इससे छात्र-छात्राएं आसानी से स्कालरशिप के लिए आवेदन कर सकते हैं। लेकिन जिन विद्यालयों की केवाइसी नहीं होती है। उनकी डिटेल पोर्टल पर न दिखने की वजह से अल्पसंख्यक छात्र-छात्राएं स्कालरशिप के लिए आवेदन नहीं कर पाते हैं। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने शिक्षा विभाग से जिले में अध्ययनरत अल्पसंख्यक वर्ग के विद्यार्थियों का डाटा मांगा है। 30 नवंबर तक रिपोर्ट उपलब्ध होने की उम्मीद है। इसके बाद स्पष्ट हो जाएगा कि किस विद्यालय में कितने अल्पसंख्यक छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं।
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जिले के 188 स्कूलों ने केवाइसी नहीं कराया है। इसके चलते अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र-छात्राओं की स्कालरशिप के लिए आवेदन नहीं हो पाएगा। आवेदन करने वाले छात्र-छात्राओं के खाते में शासन स्तर से सीधे स्कालरशिप की धनराशि भेजी जाती है।
सुधांशु शेखर शर्मा, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी