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त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को जिले में बनेंगे 184 नए बूथ

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। इस बार मतदान के लिए जिले में 1

By JagranEdited By: Published: Fri, 10 Jan 2020 05:56 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jan 2020 11:46 PM (IST)
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को जिले में बनेंगे 184 नए बूथ
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को जिले में बनेंगे 184 नए बूथ

जासं, चंदौली : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। इस बार मतदान के लिए जिले में 184 नए बूथ बनाए जाएंगे। वहीं शांतिपूर्ण मतदान व सुरक्षा के मद्देनजर किसी भी मतदान केंद्र पर छह से अधिक बूथ नहीं बनाने का निर्णय लिया गया है। 24 जनवरी से मतदाता सूची पुनरीक्षण की प्रक्रिया शुरू होगी। नामावली के अंतिम प्रकाशन के बाद परिसीमन का निर्धारण किया जाएगा। सीडीओ डा. एके श्रीवास्तव ने शुक्रवार को निर्वाचन विभाग (पंचस्थानी) के अधिकारियों और कर्मचारियों संग विकास भवन में बैठक कर आयोग के निर्देशों से अवगत कराया।

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पंचायत चुनाव इसी वर्ष कराए जाएंगे। इसके लिए निर्वाचन आयोग की ओर से जिला प्रशासन को तैयारियों में जुटने के आदेश दिए गए हैं। आयोग ने एक साथ ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य पद के लिए चुनाव कराने का निर्णय लिया है। मतदाताओं को वोट डालने में अधिक समय लग सकता है। इसको देखते हुए 725 मतदाताओं पर एक बूथ बनाने की योजना है। प्रत्येक मतदान केंद्र पर अधिकतम छह बूथ बनाए जाएंगे। नई प्रणाली के अनुसार जिले में 184 नए बूथ चिह्नित किए गए हैं। नियामताबाद ब्लाक में 27, चकिया 24, बरहनी तीन, सदर 15, धानापुर 36, चहनियां 29, सकलडीहा 43 और शहाबगंज में सात नए बूथ बनेंगे। पिछली बार पंचायत चुनाव में जिले में 1954 बूथ बनाए गए थे। इस बार 2100 से अधिक बूथ बनाए जाने की उम्मीद है। मतदाता सूची का पुनरीक्षण संपन्न होने के बाद मतदाता की संख्या के हिसाब से बूथों का निर्धारण किया जाएगा। वहीं नामावली के अंतिम प्रकाशन के बाद परिसीमन की प्रक्रिया शुरू होगी। सीडीओ ने निर्वाचन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को आयोग की गाइडलाइन के अनुसार तैयारियों में जुटने का निर्देश दिया। बोले, मतदाता सूची पुनरीक्षण समेत बूथों के सत्यापन का काम शुरू कर दें। रिपोर्ट बनाकर प्रस्तुत करें, ताकि आयोग को सूचना भेजी जा सके। इसमें किसी प्रकार की चूक नहीं होनी चाहिए। अधिक से अधिक मतदाताओं के नाम सूची में शामिल कराया जाना चाहिए। बीएलओ घर-घर जाकर नए मतदाताओं के नाम दर्ज करने को प्रारूप छह भरवाएं। साथ ही मृतकों, शिफ्टेड के नाम काटे जाएं। संबंधित अधिकारी व कर्मचारी पुनरीक्षण प्रक्रिया पर नजर बनाए रखें।


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