ऐसे बदहाल उपकेंद्रों के सहारे जीतेंगे कोरोना से जंग
कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर से निपटने को धरातल के बजाय कागजों में ही तैयारी हो रही है। जिले में अधिकांश स्वास्थ्य उपकेंद्र वेंटीलेटर पर हैं लेकिन विभाग उपकेंद्रों की बदहाली से बेखबर हैं।
जेएनएन, बुलंदशहर। कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर से निपटने को धरातल के बजाय कागजों में ही तैयारी हो रही है। जिले में अधिकांश स्वास्थ्य उपकेंद्र वेंटीलेटर पर हैं लेकिन विभाग उपकेंद्रों की बदहाली से बेखबर हैं।
जिले में कोरोना संक्रमण से निपटने को स्वास्थ्य विभाग सिर्फ कागजों में ही तैयारी कर अपनी पीठ थप-थपा रहा लेकिन धरातल पर व्यवस्थाएं बदहाल पड़ी हुई हैं। ग्रामीण अंचल में स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर गंदगी से लेकर अवैध कब्जों की भरमार हैं। इतना हीं नहीं उपकेंद्रों पर ग्रामीण पशु बांधने और भूसा रखने में प्रयोग कर रहे हैं। सरकार स्वास्थ्य उपकेंद्रों सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी तैनात कर रहीं लेकिन जिले में अधिकांश स्वास्थ्य उपकेंद्र अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं। जिले के अधिकांश स्वास्थ्य उपकेंद्र वेंटीलेटर पर पड़े हुए हैं। वेंटीलेटर पर पड़े स्वास्थ्य उपकेंद्रों के रखरखाव को आने वाली धनराशि का बंदरबांट होने से उपकेंद्रों की हालत खराब हैं। कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर से निपटने को नवागंतुक सीएमओ के सामने बदहाल स्वास्थ्य उपकेंद्र तथा अन्य समस्याएं किसी चुनौती से कम नहीं हैं।
इनकी हालत सबसे खराब
ककोड़ के सुनपेड़ा व टिटोटा समेत अन्य क्षेत्रों में उपकेंद्रों पर ग्रामीणों का अवैध कब्जा कर भूसा रखने और पशु बांधने में प्रयोग किया जा रहा है। उपकेंद्र के रखरखाव और रंगाई-पुताई को हर साल धनराशि आती है। इसका उपभोग भी कागजों में हो रहा है।
सीएचसी व पीएचसी तथा स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर एक नजर
जिला अस्पताल व महिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र- 13, ब्लाक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र- 05, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र- 68, स्वास्थ्य उपकेंद्र- 344
इन्होंने कहा..
मैने शनिवार को ही कार्यभार ग्रहण किया है। उपकेंद्रों का निरीक्षण कर कार्रवाई की जाएगी। इनकी मरम्मत और रंगाई-पुताई करा संचालन कराया जाएगा।
- डा. विनय कुमार सिंह, सीएमओ