सामान्य से पांच डिग्री तक नीचे आएगा पारा, कराएगा ठिठुरन का अहसास
जेएनएन बुलंदशहर बूंदाबांदी के बाद भले ही मौसम शुष्क हो गया हो लेकिन अब आने वाले दिनों में तापमान समान्य से तीन से पांच डिग्री की नीचे आने वाला है। ऐसे में दिन के साथ रात भी सर्द होने वाली है। घना कोहरा छाकर वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लगाने वाला है।
जेएनएन, बुलंदशहर : बूंदाबांदी के बाद भले ही मौसम शुष्क हो गया हो, लेकिन अब आने वाले दिनों में तापमान समान्य से तीन से पांच डिग्री की नीचे आने वाला है। ऐसे में दिन के साथ रात भी सर्द होने वाली है। घना कोहरा छाकर वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लगाने वाला है। जिसकी वजह से हाड़ कंपकपा देने वाली सर्दी का अहसास बढ़ने वाला है। मौसम विभाग ने यह संभावना जताकर अलर्ट जारी किया है।
सात डिग्री तक पहुंचा मंगलवार को न्यूनतम तापमान
अब जिले से पश्चिमी विक्षोभ का असर हट गया है, लेकिन पहाड़ों पर हो रही बर्फवारी अब मैदानी इलाके में भी असर दिखाएगी। मंगलवार को इसका अहसास होने लगा। सुबह के समय कोहरा छाया रहा। दिन चढ़ने पर सूर्यदेव के दर्शन हुए। अधिकतम तापमान नीचे गिरकर 15 सेल्सियस पहुंच गया। ठंडी हवाएं चलने से दिन में लोग ठिठुरने पर मजबूर हो गए। खिली धूप भी राहत नहीं दे सकी। जबकि रात के समय पार लुढ़ककर सात डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। ऐसे में रात्रि को भी अधिक सर्दी महसूस की गई।
50 मीटर तक रहेगी ²श्यता
केवीके के मौसम विज्ञानी डा. रामानंद पटेल के अनुसार आगामी दिनों में तापमान में तीन से पांच डिग्री की गिरावट होने की संभावना बनी रहेगी। इससे ठंडक का दिन और शीत लहर बनी रहेगी। घना कोहरा भी छाने से ²श्यता घटकर 50 मीटर से भी कम होने के आसार रहेंगे। जबकि आद्रता बढ़ी रहेगी। आठ से 12 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चलकर शीत लहर का अहसास कराएगी। जिसकी दिशा अधिकतर पश्चिमी, उत्तर-पश्चिमी बनी रहने की संभावना रहेगी। नमी बनी होने के कारण ज्यादान करें सिचाई
मौसम विज्ञानी ने मौसम के बदलाव को देखते हुए किसानों को सचेत किया है। कहा है कि इस दौरान रवि की फसल आलू, गेहूं, चना, मटर, सरसों की निगरानी करते रहें। खेतो में नमी बनी होने के कारण ज्यादा सिचाई न करें। ज्यादा ओस जमने पर पौध को एक छोर पर रस्सी बांधें, जिसके दूसरे सिरे को पकड़ कर झाड़ दें, ताकि ओस की बूंदें झड़ जाएगा। पशुओं के सींगों पर बांधे सूती कपड़ा
पशु वैज्ञानिक डा. मनोज कुमार ने बताया कि बढ़ती सर्दी में पशुपालक पशुओं का भी ध्यान रखें। पशुशाला को टाट-पट्टी से कवर्ड करके रखें। सुबह जल्दी पशुओं को पशुशाला से न निकाले और शाम को जल्दी बंद कर दें। पशुओं के सींगों पर सूती कपड़ा बांधकर रखें। ताकि उन्हें शीत लहर के प्रकोप से बचाया जा सकें।