साप्ताहिक बंदी से सब्जी के दामों में गिरावट
कोविड-19 को मात देने के लिए जनपद में शुरू हुए दो दिवसीय साप्ताहिक बंदी के चलते सब्जियों की खपत में भारी कमी आई है। हालांकि बाहरी जनपदों और राज्यों से सब्जी लगातार आ रही है। दो दिनों तक ट्रकों में लदी सब्जी खराब न हो जाए ऐसे में आढ़ती औने-पौने दामों में सब्जी बेचकर बाजार की मांग पूरी कर रहे हैं।
बुलंदशहर, जेएनएन। कोविड-19 को मात देने के लिए जनपद में शुरू हुए दो दिवसीय साप्ताहिक बंदी के चलते सब्जियों की खपत में भारी कमी आई है। हालांकि बाहरी जनपदों और राज्यों से सब्जी लगातार आ रही है। दो दिनों तक ट्रकों में लदी सब्जी खराब न हो जाए, ऐसे में आढ़ती औने-पौने दामों में सब्जी बेचकर बाजार की मांग पूरी कर रहे हैं।
मानसून आने से सब्जियों के उत्पादन में वृद्धि हुई है लेकिन बेल वाली सब्जियों में गलावट होने से इनका उत्पादन कम घटा है। जून माह में सब्जियों के दाम आसमान पर थे। जुलाई की 15 तारीख तक भी टमाटर 70 से 80 रुपये किलो बिक रहा था। लेकिन दो दिवसीय साप्ताहिक बंदी से बाजार में सब्जी की मांग कम होने से दरों में काफी गिरावट आई है। भिडी, तोरई, लौकी, बैंगन, कटहल, प्याज और खीरे आदि के दामों में गिरावट आई है।
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सब्जी जुलाई की शुरुआत जुलाई के अंत में
आलू 18 से 22 16-18
कटहल 15-20 15-18
बैंगन 18-20 15-18
लोकी 5-8 3-5
टमाटर 50-60 25-30
प्याज 25-30 20-24
भिडी 15-18 12-15
तोरई 6-9 5-8
काशीफल 10-12 8-10
(नोट : सभी मूल्य प्रति किलो में)