इज्तिमा में रसूल के लाखों दीवानों ने सीखे जिंदगी जीने के उसूल
जिले के दरियापुर-अढ़ोली में चल रहे तीन दिवसीय इज्तिमा के दूसरे दिन भी अकीदतमंदों का सैलाब उमड़ता रहा।
बुलंदशहर: जिले के दरियापुर-अढ़ोली में चल रहे तीन दिवसीय इज्तिमा के दूसरे दिन भी अकीदतमंदों का सैलाब उमड़ता रहा। भीड़ पहले दिन से अधिक हो गई। उलमा हजरात ने तकरीर पेश करते हुए कहा कि सारी दुनिया की भलाई के लिए समाज के लोगों को आगे आकर नेक काम में अपना योगदान देना चाहिए। सोमवार को दुआ के साथ इज्तिमा का समापन होगा।
शनिवार को शुरू हुए इज्तिमा में लाखों लोग पहुंच चुके थे। रविवार को दूसरे दिन भी अकीदतमंदों के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा। लोगों की लगातार बढ़ रही संख्या को देखते हुए पुलिस-प्रशासन, इंतजामिया कमेटी के लोग और वालंटियर व्यवस्था संभालने में जुटे हुए हैं। रविवार को मौलानाओं की तकरीर पेश करने का सिलसिला जारी रहा। मौलाना साद ने फरमाया कि इस्लाम मोहब्बत और इंसानियत का पैगाम देता है। मुस्लिम समाज को कुरान पर अमल करना चाहिए। इंसान को सवाब के काम करने चाहिए। अल्लाह ने हमें यह ¨जदगी नेक काम करने के लिए दी है। इसलिए इंसान को हमेशा दूसरों की भलाई व मदद करते रहना चाहिए।
मौलाना युसूफ ने कहा कि अच्छी सोच से काम करने से इंसान की ¨जदगी कामयाब होती है। मुसलमान को भलाई के कामों से जुड़ना चाहिए और दूसरे लोगों को भी इससे जोड़ना चाहिए। मौलाना मुरसलीन ने इस्लाम के उसूलों पर चलने का संदेश दिया। दो हजार जोड़े हुए एक दूजे के
शाम के समय हजरत मौलाना साद की मौजूदगी में बिना दहेज के दो हजार से अधिक जोड़ों का निकाह पढ़ाया गया। इंतजामिया कमेटी के पदाधिकारियों ने बताया कि तीसरे दिन सोमवार को दुआ के बाद इज्तिमा का समापन होगा। समापन के बाद यहां से दीन के प्रचार-प्रसार के लिए कई जमात रवाना होंगी।