इबादतगाह के दरवाजे बंद, सूने पड़े बाजार
कोरोना की वजह से लॉकडाउन चल रहा है। ज्यादातर इबादतगाह बंद हैं गुलजार रहने वाले बाजार सूने पड़े हुए हैं। रोजेदारों का कहना है कि ऐसा पहली बार हुआ जब रमजान के महीने में इबादतगाह और बाजार बेरौनक हैं।
बुलंदशहर, जेएनएन। कोरोना की वजह से लॉकडाउन चल रहा है। ज्यादातर इबादतगाह बंद हैं, गुलजार रहने वाले बाजार सूने पड़े हुए हैं। रोजेदारों का कहना है कि ऐसा पहली बार हुआ जब रमजान के महीने में इबादतगाह और बाजार बेरौनक हैं।
रमजान माह आने से पहले ही शहर के चौक बाजार, अंसारी रोड, बूरा बाजार, सराफा बाजार, साठा बाजार, मामन चौकी और कृष्णानगर बाजार में रौनक रहती थी। ये बाजार रातभर गुलजार रहते थे, लेकिन अबकी बार ऐसा कुछ नहीं है। लोगों का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से रमजान का महीना बेनूर रहेगा। काशीराम कालोनी निवासी रफीक ने बताया कि रमजान में ऐसा पहली बार देखा है कि बाजार, इबादतगाहों में सन्नाटा है। हमारे दादा, परदादा बताते थे कि बाजार अंग्रेजों के समय रमजान माह में गुलजार रहते आए हैं, लेकिन इस बार गलियों में सन्नाटा है। स्याना अड्डा निवासी हसरत अली राणा ने बताया कि हमारे नाना सौ साल के थे। उन्होंने ही हमें बताया था कि रमजान में बाजार और मस्जिद सजते थे, लेकिन कोरोना महामारी ने सबकुछ बेनूर कर दिया है। लॉकडाउन ने तोड़े सपने
मार्च के शुरू में ही रमजान को लेकर हलवाई, बावर्ची, ब्रेड, खजला बनाने वाले जुट जाते थे। रमजान आने पर रोजेदार रोजे और तरावीह की तैयारी में जुटते थे। वहीं महिलाएं जहां सहरी और इफ्तार की तैयारी में लगती थीं। घरों में तरावीह की नमाज और कुरआन की तिलावत करते लोग नजर आते थे, लेकिन इस बार लॉकडाउन की वजह से सब सूना है।
घरों में अदा की नमाज
शनिवार को सभी मुस्लिम कॉलोनियों, मोहल्लों और बस्तियों में तरावीह की नमाज घरों में ही अदा की गई। पहले रोजे के लिए लोग जरूरी सामान की खरीदारी करने बाजार में गए।