सूर्य की उपासना कर ग्रहण किया खीर का प्रसाद
लोक आस्था का महापर्व छठ नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ। महापर्व के दूसरे दिन विभिन्न रीति रिवाजों से जुड़े लोग भी छठ पर्व का अनुष्ठान कर रहे हैं। गुरुवार को नहाय खाय के बाद खरना में श्रद्धालुओं ने व्रत रखा। सूर्य अस्त होने के बाद गुड़ की खीर से पूजन कर प्रसाद ग्रहण किया। आज शाम को अस्त होते हुए सूर्य देव को श्रद्धालु अर्घ्य अर्पित करेंगे।
जेएनएन, बुलंदशहर। लोक आस्था का महापर्व छठ नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ। महापर्व के दूसरे दिन विभिन्न रीति रिवाजों से जुड़े लोग भी छठ पर्व का अनुष्ठान कर रहे हैं। गुरुवार को नहाय खाय के बाद खरना में श्रद्धालुओं ने व्रत रखा। सूर्य अस्त होने के बाद गुड़ की खीर से पूजन कर प्रसाद ग्रहण किया। आज शाम को अस्त होते हुए सूर्य देव को श्रद्धालु अर्घ्य अर्पित करेंगे।
नगर के बलीपुरा से होकर गुजर रही गंगनहर पर छठ महापर्व मनाने की तैयारी जोर शोर के साथ शुरू हो गई है। सैकड़ों की तादाद में श्रद्धालुओं ने घरों में शाम को खरना में सूर्य अस्त के बाद मिट्टी के चूल्हे पर नए बर्तनों में गुड़ की खीर बनाकर पूजा पाठ कर प्रसाद ग्रहण किया। छठ महापर्व भव्यता से मनाने को कमेटी ने तैयारी पूरी की
वार्षिकोत्सव छठ महापर्व पूजा छठ अनुष्ठान कमेटी के मंत्री कुशेश्वर यादव ने बताया कि छठ महापर्व को मनाने के लिए बड़ी गंगनहर नहर पर साफ-सफाई के साथ तैयारी पूरी कर ली गई है। श्रद्धालु और व्रती शुक्रवार को दोपहर तीन बजे से नहर किनारे बने छठ मइया के मठ पर पूजा अर्चना के बाद सूर्य देव के अस्त होते समय सूर्य देव को अर्घ्य देकर भगवान सूर्यदेव की उपासना करेंगे। वहीं छठ मइया के भजन एवं गीतों के माध्यम सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा।
छठ महापर्व के व्रतियों का 48 घंटे का व्रत
छठ महापर्व बुधवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया। छठ महापर्व पर व्रती 48 घंटे तक निर्जला व्रत रखते हैं। पंचमी के दिन शाम को सूर्य देव को गाय के कच्चे दूध का अर्घ्य देकर षष्ठी को सुबह तीन पहुंच कर जल में सूर्य देव के उदय होने तक हाथ में फल लेकर सूर्य देव की उपासना कर उनको अर्घ्य अर्पित कर अपना व्रत खोलते हैं।