मरीजों के बीच रहे और कोरोना से बचे रहे
कोरोना महामारी में मरीजों के बीच रहते हुए भी वायरस से कैसे बचा जा सकता है। इसकी मिशाल जिला अस्पताल के चीफ फार्मासिस्ट डीके दुबे ने पेश की है। महामारी काल में पिछले छह माह से ये लगातार ड्यूटी कर रहे हैं। संक्रमण से बचने के लिए ये खास एहतियात बरतते हैं।
बुलंदशहर, जेएनएन। कोरोना महामारी में मरीजों के बीच रहते हुए भी वायरस से कैसे बचा जा सकता है। इसकी मिशाल जिला अस्पताल के चीफ फार्मासिस्ट डीके दुबे ने पेश की है। महामारी काल में पिछले छह माह से ये लगातार ड्यूटी कर रहे हैं। संक्रमण से बचने के लिए ये खास एहतियात बरतते हैं।
डीके दुबे ने बताया कि जिले में कोरोना की दस्तक होने के पहले से ही वह जिला अस्पताल में ड्यूटी कर रहे हैं। जिला अस्पताल की ओपीडी के स्टोर में इनकी ड्यूटी रहती है। अस्पताल की ओपीडी दिनभर मरीजों से भरी रहती है। स्टाफ का आना जाना रहता है। मरीज भी इनके पास पहुंच जाते हैं। अस्पताल आने-जाने में भी संक्रमित लोग पास से गुजरते हैं। बावजूद इसके ये अभी तक कोरोना से बचे हैं। इन्होंने बताया कि जैसे ही जिले में कोरोना का पहला केस निकला तो उसे जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में लाया गया। इसके बाद पूरे अस्पताल के कर्मचारियों में दहशत का माहौल था लेकिन ये कतई नहीं घबराए। शारीरिक दूरी का पालन सबसे ज्यादा किया। सीट पर भी बैठे तो मास्क लगाकर ही बैठे। खाली पेट घर से नहीं आते हैं। सैनिटाइजर जेब में रखते हैं। जब किसी से मिलते हैं तो तुरंत हाथों को सैनिटाइज करते हैं। गुनगुने पानी का सेवन करते हैं। रात में भी एक गिलास गर्म पानी पीकर सोते हैं। खाने में विटामिन सी वाली कुछ चीजें बढ़ाई हैं और नियमित मार्निंग वाक भी शुरू कर दिया है। समय-समय पर रैपिड एंटीजन किट से जांच कराते हैं।