टेंडर छोड़ने के खेल से मंडलायुक्त खफा, डीएम को जांच सौंपी
जिला पंचायत में दिसंबर माह में डाले गए करोड़ों रुपये के टेंडरों में खेल की शिकायत पर मंडलायुक्त अनीता मेश्राम बेहद खफा है। जिस तरह टेंडर प्रक्रिया पूरी की गयी उसे सही नहीं माना है। डीएम को पूरे मामले की जांच कर कार्रवाई करने के आदेश दिए गए है। इससे जिला पंचायत में हड़कंप की स्थिति है।
जेएनएन, बुलंदशहर। जिला पंचायत में दिसंबर माह में डाले गए करोड़ों रुपये के टेंडरों में खेल की शिकायत पर मंडलायुक्त अनीता मेश्राम बेहद खफा है। जिस तरह टेंडर प्रक्रिया पूरी की गयी, उसे सही नहीं माना है। डीएम को पूरे मामले की जांच कर कार्रवाई करने के आदेश दिए गए है। इससे जिला पंचायत में हड़कंप की स्थिति है।
दिसंबर में जिला पंचायत ने संपर्क मार्गों के लिए 45 ई-टेंडर निकाले। करोड़ों रुपये की धनराशि से यह कार्य कराए जाने थे। इसमें किसी भी विभाग में पंजीकृत कार्यदायी संस्थाओं को ई-टेंडर डालने के लिए आमंत्रित किया गया था। मेरठ की मऊखास स्थित कार्यदायी संस्था मैसर्स सतीश कुमार कांट्रेक्टर ने भी कार्य संख्या आठ और नौ के लिए टेंडर डाले। इसमें 65 लाख रुपये से अधिक धनराशि का ग्राम जवां से जहांगीरपुर-माचड़ मार्ग से ग्राम चांचली गौतमबुद्धनगर की सीमा तक संपर्क मार्ग का लेपन कार्य और 75 लाख रुपये से अधिक धनराशि का ग्राम भुन्ना जाटान से ग्राम गोठी संपर्क मार्ग शामिल रहे। टेंडर की एवज में कमीशन मांगने का लगाया आरोप
कार्यदायी संस्था के सतीश तोमर कुमार ने आरोप लगाया कि उनके नाम टेंडर छोड़ने की एवज में जिला पंचायत के अफसरों ने सुविधा शुल्क की मांग की। नहीं देने पर अफसरों ने अनुभव पांच वर्ष से अधिक होने की बात कहते हुए कार्यदायी संस्था की तकनीकी विड निरस्त कर दी। जबकि कार्यदायी संस्था का अनुभव प्रमाण पत्र वर्ष 2018 का बना हुआ है। टेंडर में अनुभव का कोई जिक्र ही नहीं किया गया था। कार्यदायी संस्था की ओर से टेंडर डालने की अर्हता पूरी करने की अफसरों को जानकारी भी दी गई। तकनीकी विड निरस्त करने का वाजिब कारण जानना चाहा, लेकिन जिम्मेदारों ने संतोषजनक जबाव नहीं दिया। कार्यदायी संस्था के स्वामी ने मुख्यमंत्री, मंडलायुक्त सहित अन्य आला अफसरों से कर दी। शिकायत पर उच्चाधिकारियों ने संज्ञान लिया है। वर्जन..
तकनीकी टीम ने किसी कारण से ही टेंडर को निरस्त किया होगा। शिकायत मिलने पर मामले की नियमानुसार जांच कराई जाएगी।
- विद्या शंकर पांडेय, अपर मुख्य अधिकारी, जिला पंचायत