वाहनों की रफ्तार लील रही जिदगी
हाईवे हो या शहर की सड़कें तेज रफ्तार वाहनों के कारण सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है।
जेएनएन, बुलंदशहर : हाईवे हो या शहर की सड़कें तेज रफ्तार वाहनों के कारण सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है। आलम यह है कि तेज गति से चलने वाले वाहनों की रोकथाम के लिए कोई खास इंतजामात नहीं किए गए हैं। जनपद में प्रतिदिन सड़क दुर्घटनाओं का सिलसिला जारी है। कहीं तेज गति वाहनों की टक्कर तो कहीं आमने-सामने की भिड़ंत। दोनों दुर्घटना की स्थिति में वाहनों की गति का तेज होना है। ऐसे में लोग या तो गंभीर रूप से घायल होते हैं या फिर मौत के घाट उतर जाते हैं। अब सवाल यह है कि इन तेज गति वाले वाहनों पर ब्रेक कौन लगाएगा या कैसे लग पाएगा। जिम्मेदार महकमों ने तो गाइड लाइनें जारी कर व्यवस्था की इति श्री कर दी है। लेकिन सड़क दुर्घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं।
जनपद की बात करें तो एक सप्ताह पूर्व ही ककोड़ थाना क्षेत्र स्थित हाइवे पर तेज रफ्तार कार ने सड़क किनारे खड़ी मैक्स को टक्कर मारी और रफ्तार के चलते आगे जा रहे ट्रक में जा घुसी। मौके पर ही तीन युवकों की मौत हो गई थी। तीनों युवक गौतमबुद्धनगर के रघुपुरा गांव निवासी थे। आठ माह पूर्व नरौरा में एक तेज रफ्तार बस ने रामघाट के पास सो रहे एक दर्जन श्रद्धालुओं को रौंद डाला था। इनमें से तीन पुरुष और तीन महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गई थी जबकि अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
210 की गई जान
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मार्च से नवंबर तक 210 लोगों की सड़क हादसों में मौत हो चुकी है। इस दौरान करीब 280 दिव्यांग हुए हैं। प्रतिवर्ष के हादसों पर गौर करें कि 300 से 350 वाहन सवार हादसों में जान खो रहे हैं।
ये हैं ब्लैक स्पाट
शिकारपुर बाइपास, तहसील तिराहा, बिलसूरी, वाजिदपुर मोड, अगवाल तिराहा, मुनि फ्लाईओवर, धरपा मोड़, रौहिडा गांव, बगरई तिराहा, छतारी दौराहा, हाइवे-33, गांव भुड़ासी, औरंगाबाद इंटर कालेज, ग्यारहवां मील जहांगीराबाद समेत जिले में 30 से अधिक ऐसे स्थान हैं जिनपर सबसे ज्यादा दुर्घटना होती है। नियमों का पालन कर रोकेंगे दुर्घटना
जेएनएन, बुलंदशहर: जहांगीराबाद के शिवकुमार अग्रवाल जनता इंटर कालेज में सोमवार को सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत कार्यक्रम आयोजित हुआ। प्रधानाचार्य सीपी अग्रवाल ने छात्र-छात्राओं को सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए नियमों का पालन करने के लिए शपथ दिलाई। प्रधानाचार्य सीपी अग्रवाल ने कहा कि हेलमेट पहनकर वाहन चलाने और वाहन नियंत्रित रफ्तार भी वाहन दुर्घटना को कम करती है। बच्चे अपने माता-पिता को बिना हेलमेट दो पहिया वाहन चलाने पर टोकें। साथ में सफर करें तो पापा से कहें की रफ्तार धीमी रखें।