कांवड़ यात्रा के दौरान 'तिरंगे' पर रहेगी खास नजर
कांवड़ यात्रा की सफल और शांति पूर्ण आयोजन की तैयारियों में सरकारी मशीनरी गंभीरता से जुटी है। खुफिया इकाई से मिले इनपुट के बाद पहली बार सुरक्षा एजेंसियों की नजर विशेष रूप से कांवड़ के साथ आने वाले तिरंगे पर रहेगी।
बुलंदशहर, जेएनएन। कांवड़ यात्रा की सफल और शांति पूर्ण आयोजन की तैयारियों में सरकारी मशीनरी गंभीरता से जुटी है। खुफिया इकाई से मिले इनपुट के बाद पहली बार सुरक्षा एजेंसियों की नजर विशेष रूप से कांवड़ के साथ आने वाले तिरंगे पर रहेगी। आशंका है कि कांवड़ यात्रा के दौरान कुछ हिदूवादी संगठन से जुडे़ कार्यकर्ता मार्ग में पड़ने वाले मस्जिद और मजारों पर राष्ट्रीय ध्वज लगा सकते हैं।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ समय में कई आतंकी गतिविधियों का राजफाश हुआ और एनआइए ने भी छापामारी कर बुलंदशहर, हापुड़ आदि में कुछ लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। इसके अलावा वर्तमान में सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने के कई प्रकरण भी पश्चिम के जनपदों में हो चुके हैं। ऐसे में प्रदेश सरकार इस बार कांवड़ यात्रा के शांतिपूर्ण आयोजन को लेकर अधिक गंभीर है। पहली बार सरकार द्वारा अधिकारियों को विशेष रूप से कांवड़ के साथ लाए जाने वाले राष्ट्रीय ध्वज पर नजर रखने के लिए निर्देशित किया गया है। आदेशानुसार जिला प्रशासन और पुलिस ने भी मिलकर सतर्कता के लिए योजना तैयार की है। योजना के अनुसार जिले के ऐसे मुख्य मार्गों की सूची तैयार की गई है, जिस पर अधिक संख्या में शिव भक्त गुजरते हैं। वहां बड़ी संख्या में मस्जिद और मजार हैं। अंदेशा है कि ऐसे मार्गों पर पड़ने वाले विशेष समुदाय के धार्मिक स्थलों पर कुछ हिदू संगठनों के कार्यकर्ता राष्ट्रीय ध्वज फहरा सकते हैं। इससे शांति व्यवस्था को खतरा भी बन सकता है।
नारेबाजी पर भी रहेगी नजर
कांवड़ यात्रा के दौरान मिश्रित आबादी से गुजरते समय कई बार शिव भक्त उत्तेजक नारेबाजी भी करते हैं। पूर्व में भी नारेबाजी के कारण तनावपूर्ण स्थिति बन चुकी है। मुख्य रूप से ऐसे गांवों से गुजरते हुए होने वाली नारेबाजी में राम मंदिर, काश्मीर, वंदे मातरम आदि का जिक्र होता है। ऐसे में ऐसे मिश्रित आबादी और समुदाय विशेष बाहुल गांवों में विशेष सतर्कता बरतने के लिए स्थानीय खुफिया इकाई का निर्देशित किया गया है।
75 धार्मिक स्थलों पर रहेगी नजर
जिले में कांवड़ यात्रा के दौरान सबसे अधिक शिव भक्त एक दर्जन मार्गो का प्रयोग यात्रा पूरी करने के लिए करते हैं। इन मार्गों पर विभिन्न समुदायों के करीब 75 धार्मिक स्थल मौजूद हैं। जिसमें मंदिर, मस्जिद, मदरसा, मजार, गुरुद्वारा आदि शामिल है।
यहां रहेगी विशेष नजर
- गुलावठी - बुलंदशहर मार्ग
- गुलावठी- भूड़ चौराहा
- खुर्जा- अलीगढ़ मार्ग
- गुलावठी- सिकंदराबाद मार्ग
- गुलावठी - दनकौर मार्ग
- सिकंदराबाद - ककोड़ मार्ग
- गढ़-स्याना - बुलंदशहर मार्ग
- गढ़-माकड़ी - आहार मार्ग
- अनूपशहर - शिकारपुर मार्ग
- अनूपशहर - अलीगढ़ मार्ग
- अनूपशहर - बुलंदशहर मार्ग
- राजघाट - नरौरा - अतरौली मार्ग
इन्होंने कहा ..
कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाले धार्मिक स्थलों पर विशेष नजर रखने के लिए भी निर्देशित किया गया है। इस संबंध में लोकल खुफिया इकाई से भी कुछ इनपुट प्राप्त हुए हैं।
- रविद्र कुमार, जिलाधिकारी।