हैपी सीडर से गेहूं की करें बुआई, मिलेंगे छह हजार
गेहूं उत्पादन करने वाले किसानों के लिए यह खुशखबरी भरी खबर है। सरकार गेहूं बुआई में आने वाली लागत आपके एकाउंट में भेजेगी। यानि हैप्पी सीडर अथवा जीरी सीड ड्रिल से गेहूं की बुआई करने पर किसान को रकबे के अनुसार आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
बुलंदशहर, जेएनएन। गेहूं उत्पादन करने वाले किसानों के लिए यह खुशखबरी भरी खबर है। सरकार गेहूं बुआई में आने वाली लागत आपके एकाउंट में भेजेगी। यानि हैप्पी सीडर अथवा जीरी सीड ड्रिल से गेहूं की बुआई करने पर किसान को रकबे के अनुसार आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
कृषि प्रधान जिले में 10 से 12 लाख मीट्रिक टन गेहूं प्रतिवर्ष उत्पादन किया जाता है। हालांकि अधिकांश किसान गेहूं के बीज खेतों में बखेरकर बुआई करते हैं। जबकि सरकार गेहूं को रौपकर बुआई कराने की सलाह दे रही है। ऐसे में कृषि विद्यालय के वैज्ञानिक किसानों को हैप्पी सीडर और जीरी सीड ड्रिल के माध्यम से गेहूं बुआई के लिए जागरुक कर रहे हैं। शुक्रवार को इस बाबत पहासू ब्लॉक के गांव नंगला रूंध में फसल अवशेष प्रबंधन के तहत किसान जागरुकता गोष्ठी में भी योजना की बाबत जानकारी दी गई। विषय वस्तु विशेषज्ञ डा. रीशू सिंह ने पराली जलाने के दुष्प्रभाव और गेहूं बुआई पर किसान की आर्थिक सहायता योजना की बाबत जानकारी दी। डा. मनोज कुमार और कृषि मौसम वैज्ञानिक डा. रामानंद पटेल ने किसानों को मेघदूत एप की बाबत जानकारी दी।
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ऐसे लें किसान लाभ
किसान किसी भी दुकान से गेहूं का बीज खरीदें और इसका बिल कृषि विज्ञान केंद्र पर जमा कर दें। इसके बाद जिस दिन गेहूं की बुआई करनी है इसकी जानकारी भी दें। यदि किसान पर हैप्पी सीडर अथवा जीरी सीड ड्रिल मशीन नहीं है तो कृषि विज्ञान केंद्र से मात्र 50 रुपये जमा करने पर मशील भी उपलब्ध कराई जाएगी। हैप्पी सीडर से एक हैक्टेयर गेहूं बुआई करने पर छह हजार रुपये और एक एकड़ बुआई पर दो हजार 400 रुपये की आर्थिक सहायता किसान के खाते में पहुंचेगी।