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योग के साथ शिक्षा की अलख जगा रहीं शालू

योगा शिक्षक शालू चौहान बालिकाओं और महिलाओं को योग सिखा कर उनको निरोग बनाने में जुटी हुई हैं। योगा सिखाने के साथ ही शिक्षा का दीप जला कर महिलाओं के अंधेरे जीवन को रोशन कर रही है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 11:26 PM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 11:26 PM (IST)
योग के साथ शिक्षा की अलख जगा रहीं शालू
योग के साथ शिक्षा की अलख जगा रहीं शालू

बुलंदशहर, जेएनएन। योगा शिक्षक शालू चौहान बालिकाओं और महिलाओं को योग सिखा कर उनको निरोग बनाने में जुटी हुई हैं। योगा सिखाने के साथ ही शिक्षा का दीप जला कर महिलाओं के अंधेरे जीवन को रोशन कर रही है। वहीं नशा के खिलाफ अभियान चला महिला हिसा और उत्पीड़न के खिलाफ एक दशक से लड़ाई रही हैं।

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अरनियां ब्लाक के गांव कहरोला निवासी शालू चौहान ने ब्लाक स्तर से लेकर यूनिवर्सिटी तथा आल इंडिया स्तर पर क्रिकेट और एथलेटिक खेलों में प्रतिभाग कर कई पदक हासिल किए हैं। शालू बालिकाओं को खेल में पारंगत बनाने के लिए 2014 में बीपीएड किया। लड़कियों को खेल प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया। डिप्लोमा करने के बाद उन्होंने कहा कि महिलाओं को योग सिखाना शुरू किया। इसके अलावा आर्थिक रूप से कमजोर बालिकाओं को मुफ्त शिक्षा देकर उन्हें शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ रही हैं। शालू तीन हजार से अधिक लड़कियों और महिलाओं को योग सिखा चुकी हैं। पांच वर्ष पहले गांव पल्ला झाल में शादी होने के बाद शालू महिला मंगल दल की अध्यक्ष बन हिसा और उत्पीड़न की जड़ माने जाने वाले नशा के खिलाफ अभियान चला कर नशा मुक्त समाज बनाने में जुट गई। इन्होंने कहा..

महिला हिसा और उत्पीड़न की सबसे बड़ी वजह नशा हैं। समाज के नशा मुक्त बनने पर ही समाज की कुरीतियों दूर होंगी। लड़कियों को योग और खेल प्रशिक्षण देकर उनकों आत्म निर्भर बनाने से ही नारी सशक्तिकरण होगा।

- शालू चौहान, योगा शिक्षक


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