सिकंदराबाद ब्लाक प्रमुख की कुर्सी डगमगाई, 82 सदस्यों का हुआ सत्यापन
सिकंदराबाद ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी हिचकोले लेने लगी है। गुरुवार को विकास भवन अविश्वास प्रस्ताव के शपथ पत्र देने वाले 96 ग्राम पंचायत सदस्यों का सत्यापन किया गया। इनमें से 82 लोगों को सत्यापित कर प्रशासनिक अधिकारियों ने रिपोर्ट डीएम को भेज दी है।
बुलंदशहर, जेएनएन। सिकंदराबाद ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी हिचकोले लेने लगी है। गुरुवार को विकास भवन अविश्वास प्रस्ताव के शपथ पत्र देने वाले 96 ग्राम पंचायत सदस्यों का सत्यापन किया गया। इनमें से 82 लोगों को सत्यापित कर प्रशासनिक अधिकारियों ने रिपोर्ट डीएम को भेज दी है। जल्द ही चुनाव की तिथि घोषित होगी। उधर, सदस्यों का सत्यापन की वीडियोग्राफी भी की गई है। इस दौरान सुरक्षा के चलते पुलिस फोर्स मौजूद रही।
सिकंदराबाद ब्लॉक प्रमुख पर विकास कार्य न कराने और बीडीसी सदस्यों के साथ अभद्रता करने का आरोप लगाते हुए डीएम से शिकायत की गई थी। इस दौरान 96 सदस्यों ने शपथ पत्र देते हुए अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग की। डीएम के निर्देश पर गुरुवार को विकास भवन में सीडीओ सुधीर रुंगटा के अध्यक्षता में 96 बीडीसी सदस्यों का सत्यापन किया गया। डीडी साहित्य प्रकाश मिश्र, डीपीआरओ अमरजीत सिंह और भूमि संरक्षण अधिकारी घनश्याम दास ने बीडीसी सदस्यों के मतदाता लिस्ट और वार्ड संख्या आदि के ब्योरे का सत्यापन किया। इस दौरान 82 ग्राम पंचायत सदस्यों के अविश्वास प्रस्ताव को सत्यापित किया गया।
साहब, मुझे प्रक्रिया में शामिल करो
सिकंदराबाद के ब्लॉक प्रमुख कार में सवार होकर विकास भवन पहुंचने के लिए निकले लेकिन उन्हें डीएवी चौराहे पर मौजूद पुलिस ने रोक लिया। ब्लॉक प्रमुख ने मनीष भाटी ने देहात कोतवाल अखिलेश त्रिपाठी पर रौब गालिब करते हुए बताया कि वह ब्लॉक प्रमुख हैं और उन्हें अविश्वास प्रक्रिया में शामिल होकर कुछ कागजात सीडीओ को देने हैं। देहात कोतवाल ने सीडीओ से फोन पर वार्ता की। सीडीओ ने विकास भवन से एक कर्मचारी को भेजकर शिकायती पत्र मंगा लिया लेकिन उन्हें कार सहित विकास भवन एंट्री नहीं दी गई।
मूछों की लड़ाई बनी ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी
दरअसल, वर्तमान में सिकंदराबाद के ब्लॉक प्रमुख मनीष भाटी और अविश्वास प्रस्ताव लाने के मुख्य सूत्रधार पूर्व ब्लॉक प्रमुख पुष्पेंद्र भाटी एक ही गांव यानि शेरपुर के निवासी हैं। दोनों ही क्षेत्र की राजनीति में सक्रिय हैं और ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी को प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ है। बता दें कि एक साल पूर्व पुष्पेंद्र भाटी के खिलाफ मनीष भाटी अविश्वास प्रस्ताव लाकर कुर्सी पर काबिज हो गए थे। अब मनीष भाटी को ही उनके ही मोहरे से इन्हें मात देने की तैयार कर ली है।