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रैपिड एंटीजन किट में घोटाला, गुमनाम पत्र जारी

कोरोना की जांच करने के नाम पर भी स्वास्थ्य विभाग में बड़ा घोटाला हुआ है। स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अफसरों ने ध्यान नहीं दिया तो एक कर्मचारी ने मीडिया के लिए एक गुमनाम पत्र जारी कर विभाग में खलबली मचा दी। पत्र जारी करने वाले कर्मचारी ने दो करोड़ रुपये का घोटाला होने का अनुमान लगाया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Nov 2020 11:27 PM (IST)Updated: Mon, 02 Nov 2020 11:27 PM (IST)
रैपिड एंटीजन किट में घोटाला, गुमनाम पत्र जारी
रैपिड एंटीजन किट में घोटाला, गुमनाम पत्र जारी

जेएनएन, बुलंदशहर।

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कोरोना की जांच करने के नाम पर भी स्वास्थ्य विभाग में बड़ा घोटाला हुआ है। स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अफसरों ने ध्यान नहीं दिया तो एक कर्मचारी ने मीडिया के लिए एक गुमनाम पत्र जारी कर विभाग में खलबली मचा दी। पत्र जारी करने वाले कर्मचारी ने दो करोड़ रुपये का घोटाला होने का अनुमान लगाया है।

स्वास्थ्य विभाग मई माह से रैपिड एंटीजन किट से कोरोना की जांच कर रहा है। स्वास्थ्य विभाग के सीएमएसडी स्टोर से रैपिड एंटीजन किटें जांच के लिए विभाग के लैब टेक्नीशियन को दी जाती हैं। आम पब्लिक की मुफ्त जांच के लिए आई जांच किटें बाजार में बेच दी गई। रैपिड एंटीजन किटें बेचने का ये खेल मई माह से अक्टूबर तक खूब चला है। किटों की खपत कागजों पर पूरी करने के लिए घोटाला करने वाले लैब टेक्नीशियन ने जांच कराने वाले लोगों के फर्जी नाम और पते रजिस्टर में भर दिए। विभाग में कई अधिकारियों तक ये मामले पिछले दो माह कई बार पहुंच चुका है लेकिन मामले को दबा दिया गया। अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध लगने पर विभाग के कर्मचारी ने मीडिया के दफ्तरों में स्पीड पोस्ट से घोटाले का पत्र भेजा। पत्र में दावा किया गया है कि जांच रजिस्टर में अंकित फोन नंबर पर संपर्क किया जाए तो घोटाले की परतें खुलती चली जाएंगी। रैपिड एंटीजन किट में घोटाले के लिए स्टोर इंचार्ज चीफ फार्मासिस्ट जगदीश तेवतिया और मनोज चौधरी के साथ ही लैब टेक्नीशियन हिमांशु गुप्ता, लोकेश कुमार, दीपक चौहान, गौरव गौड़ और राजेश कुमार को बताया गया है। स्टोर के रिकार्ड में अभी भी हजारों की संख्या में रैपिड एंटीजन किटें कम चल रही हैं। पत्र जारी होने पर जिम्मेदार अधिकारी गोल-मोल जवाब दे रहे हैं। इन्होंने कहा

स्टोर से किटें लैब टेक्नीशियन के हेड को दी जाती हैं। जांच रिपोर्ट वापसी में मेरे पास नहीं आती है। स्टोर में किटें कम होती रहती हैं लेकिन फाइनल टोटल में पूरी हो जाती हैं।

-जगदीश तेवतिया-चीफ फार्मासिस्ट

जांच किन लोगों की हुई इसका पता पोर्टल से चलेगा। स्टोर में किटें कम बढ़ती होती रहती हैं लेकिन जब फाइनल मिलान होता है तो पूरी हो जाती हैं। अगर पत्र की बात सही है तो जांच करेंगे।

डा. भूदेव प्रसाद-एसीएमओ प्रभारी स्टोर रैपिड एंटीजिन में घोटाला नहीं हो सकता। कुछ दिन पहले हल्की शिकायतें होने पर बहुत सख्ती कर दी थी। फिर भी यदि ऐसा कुछ हुआ तो ग्राउंड लेवल पर इसकी जांच कराई जाएगी। लैब टेक्नीशियन के रजिस्टर से ही जांच करेंगे।

डा. भवतोष शंखधर-सीएमओ -जगमोहन


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