दीपावली पर रोडवेज की व्यवस्था धड़ाम
त्योहार में मुसाफिरों को बेहतर सुविधा देने का दावा करने वाले उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की कार्ययोजना छोटी दीवाली पर धड़ाम हो गई। जिला मुख्यालय और सिकंदराबाद सहित अधिकांश नगरों में बसों में भारी भीड़ रही। इसके चलते मुसाफिरों को मजबूरन बसों की छत व डग्गेमार वाहनों का सहारा लेना पड़ा।
सिकंदराबाद : त्योहार में मुसाफिरों को बेहतर सुविधा देने का दावा करने वाले उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की कार्ययोजना छोटी दीवाली पर धड़ाम हो गई। जिला मुख्यालय और सिकंदराबाद सहित अधिकांश नगरों में बसों में भारी भीड़ रही। इसके चलते मुसाफिरों को मजबूरन बसों की छत व डग्गेमार वाहनों का सहारा लेना पड़ा।
उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने दीवाली के मद्देनजर मुसाफिरों को राहत का दावा किया था। इसके लिए तीन नंवबर से लेकर दस नवंबर तक बस संचालन की विशेष कार्ययोजना बनाई थी। दिल्ली से पूर्वी साइड को उमड़ने वाले मुसाफिरों को परिवहन सुविधा मुहैया कराने को गाजियाबाद रीजन के बुलंदशहर, लोनी, हापुड़, सिकंदराबाद, खुर्जा, गाजियाबाद, साहिबाबाद, लोनी व कौशांबी डिपो की सभी बसों को चौबीस घंटे चलाने का दावा किया था। इनका मुख्य रूट दिल्ली से वाया बुलंदशहर, बदायूं, एटा, मैनपुरी, इटावा, अलीगढ़, आगरा तय किया गया था। चालक-परिचालक के साथ डिपो कर्मियों के अवकाश पर भी रोक लगा दी गई थी। दो दिन बसों में अपेक्षाकृत भीड़ नहीं उमड़ी। सोमवार की सायं के बाद मंगलवार को दिल्ली, गाजियाबाद से उमड़ी भीड़ के आगे रोडवेज की व्यवस्था धड़ाम नजर आई। बसों में उमड़े रहे मुसाफिरों के सैलाब के आगे बसों कम रही। पीछे से बसें फुल होने व चालक की मनमर्जी के कारण बाइपास से बसों को ले जाने के कारण सिकंदराबाद में बसों का अकाल रहा। जो भी बस नगर आती, उसमें चढ़ने को लेकर मारामारी मचती रही। अंदर जगह न मिलने पर मजबूरन छतों पर मुसाफिरों को गंतव्य तक पहुंचने को सफर करना पड़ा। जबकि अधिकांश को डग्गेमार वाहनों का सहारा लेना पड़ा। इनका कहना है कि..
नगर में भीषण जाम के कारण बसों को बाइपास से होकर भेजा गया। डिपो आने वाले मुसाफिरों को गुलावठी रोड से बाइपास जाने वाले वाली बसों में बैठाने के लिए टीम लगाई गई।
ममता ¨सह, एआरएम, सिकंदराबाद, डिपो।