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खतरे के निशान से 1.31 मीटर नीचे चल रहा गंगा का स्तर

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भले ही इस बार बारिश कम हुई हो लेकिन उत्तराखंड बैराज से छोड़े जा रहे पानी से गंगा का जलस्तर बढ़ता ही जा रहा है। हालांकि जिले में अभी गंगा स्तर खतरे के निशान से 1.31 मीटर नीचे चल रहा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 11:37 PM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2020 06:07 AM (IST)
खतरे के निशान से 1.31 मीटर नीचे चल रहा गंगा का स्तर
खतरे के निशान से 1.31 मीटर नीचे चल रहा गंगा का स्तर

बुलंदशहर, जेएनएन। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भले ही इस बार बारिश कम हुई हो, लेकिन उत्तराखंड बैराज से छोड़े जा रहे पानी से गंगा का जलस्तर बढ़ता ही जा रहा है। हालांकि जिले में अभी गंगा स्तर खतरे के निशान से 1.31 मीटर नीचे चल रहा है। बाढ़ की हर स्थिति से से निपटने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह तैयार हैं। हालांकि सिचाई विभाग ने बाढ़ वाले स्थानों पर तटबंध भी इस बार तैयार करा लिए हैं।

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जिले में गंगा नदी की लंबाई 67.40 किलोमीटर के करीब हैं। बारिश के मौसम में गंगा नदी में हरिद्वार से वर्षा का अतिरिक्त पानी छोड़ने के गंगा में बाढ़ आ जाती है, जिससे बाढ़ गंगा किनारे कृषि भूमि का कटान कर बहाकर ले जाती है। उत्तराखंड बैराज से छोड़े जा रहे पानी से गंगा नदी का जलस्तर प्रतिदिन बढ़ता जा है। नदी में बढ़े जलस्तर को लेकर बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन ने तैयारी पूरी कर ली है। प्रशासन ने बाढ़ से निपटने के लिए स्याना, अनूशहर और डिबाई तहसील में पांच बाढ़ चौकी बनाकर कर्मचारियों की शिफ्टवार ड्यूटी लगाई हैं।

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बोले किसान

बारिश के मौसम में गंगा का जल स्तर बढ़ने से बाढ़ आने से हर साल फसल बर्बाद होती है। जिससे किसानों को काफी नुकसान होता है।

संजय शर्मा, किसान

इन्होंने कहा..

बाढ़ से निपटने के लिए सारी तैयारी पूरी कर ली गई है। बाढ़ चौकी के साथ ही 58 नाव और 11 स्टीमर के साथ 20 गोताखोर भी तैनात कर दिए गए हैं। बाढ़ का पानी गांवों में नहीं पहुंचता है।

-मनोज कुमार सिघल, एडीएम वित्त एवं राजस्व

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गंगा का जलस्तर अभी खतरे के निशान से 1.31 मीटर नीचे है। गंगा में 72000 क्यूसेक पानी चल रहा है। बाढ़ चौकियों से निगरानी कराने के साथ बाढ़ समिति भी सक्रिय कर दी गई हैं।

- जुल्फीकार अली सहायक अभियंता नरौरा बैराज


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