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रसूखदारों के उत्पीड़न से घुट गई गरीब की सांस

वसुंधरा कालोनी के समीप रेल से कटकर खुदकुशी करने वाले राजेश की डायरी से जो सुसाइड नोट मिला है उसने गरीबों पर किए जाने वाले रसूखदारों के उत्पीड़न की कलई खोलकर रख दी है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 12 Jul 2019 12:12 AM (IST)Updated: Fri, 12 Jul 2019 06:23 AM (IST)
रसूखदारों के उत्पीड़न से घुट गई गरीब की सांस
रसूखदारों के उत्पीड़न से घुट गई गरीब की सांस

मुजफ्फरनगर, जेएनएन:

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वसुंधरा कालोनी के समीप रेल से कटकर खुदकुशी करने वाले राजेश की डायरी से जो सुसाइड नोट मिला है, उसने गरीबों पर किए जाने वाले रसूखदारों के उत्पीड़न की कलई खोलकर रख दी है। खुदकुशी से पहले राजेश ने केन्द्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान को संबोधित एक पत्र लिखा था, जिसमें उसने साफ लिखा कि नाजायज शर्तों वाले एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर नहीं करने के कारण उसे खुदकुशी के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

रामलीला टिल्ला निवासी राजेश पुत्र प्रताप सिंह ने बुधवार को वसुंधरा कालोनी के समीप रेल लाइन पर एक ट्रेन के आगे कूदकर खुदकुशी कर ली थी। राजेश के छोटे-छोटे तीन बच्चे और कम पढ़ी-लिखी पत्नी है। राजेश की खुदकुशी के बाद कोई भी ऐसा नहीं जो परिवार की गाड़ी खींच ले जाए। राजेश ने केन्द्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान के नाम लिखे पत्र में लिखा है कि उसे खुदकुशी के लिए शाह जी ज्वैलर्स के अजय स्वरूप बंसल व आशुतोष स्वरूप बंसल ने मजबूर किया। बताया कि उसने कोई दुकान किराए पर नहीं ली और न ही उसका किसी दुकान पर कब्जा है। बावजूद दोनों उससे दुकान का किराया चार हजार रुपये प्रतिमाह वसूलने का दबाव बना रहे हैं। आगे लिखा है कि एक नाजायज एग्रीमेंट पर दोनों उसके हस्ताक्षर कराना चाहते थे, जो उसने नहीं किए। दोनों रसूखदारों के उत्पीड़न से तंग आकर वह आत्महत्या कर रहा है। उसकी मौत के बाद कोई उसके परिवार को परेशान न करे।


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