एसपीओटू 90 से कम हो तो स्थिति गंभीर: डा. कौशिक
जेएनएन बुलंदशहर कोविड-19 को लेकर लगातार हालात बिगड़ रहे हैं। जिले में एक्टिव कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा भी दो हजार के मुहाने पर खड़ा है।
जेएनएन, बुलंदशहर:
कोविड-19 को लेकर लगातार हालात बिगड़ रहे हैं। जिले में एक्टिव कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा भी दो हजार के मुहाने पर खड़ा है। इसमे 80 फीसदी से ज्यादा लोग होम आइसोलेट हैं जबकि गंभीर रोगी ही अस्पताल में भर्ती हैं। ऐसे में सभी चिकित्सक होम आइसोलेट वाले मरीजों को सलाह दे रहे हैं कि घर पर रह कर डाक्टर की बताई दवा खाएं और आक्सीमीटर से आक्सीजन लेवल नापते रहें। कोरोना मरीज का एसपीओटू 90 से कम और सीआरपी 125 से ज्यादा हो तो ऐसे मरीज को गंभीर माना जाता हैं, जिन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती हो जाना चाहिए।
डीन वीआईआईटी मल्टी स्पेशिलटी डा. विजय कौशिक ने बताया कि यदि कोरोना मरीज का एसपीओटू 90 से कम और सीआरपी 125 से ऊपर जाता है तो स्थिति गंभीर है। ऐसे मरीजों को आक्सीजन की जरूरत होती है, इसलिए इस स्थिति में जरा भी लापरवाही न बरते और तुरंत अपने चिकित्सक से संपर्क कर अस्पताल में शिफ्ट हो जाएं। एक स्वस्थ्य व्यक्ति का आक्सीजन लेवर 93 माना जाता है। इसलिए होम आइसोलेट मरीज को दिन में जब भी महसूस हो तो आक्सीमीटर से आक्सीजन लेवल नापते रहना चाहिए। उन्होंने बताया कि आक्सीजन लेवल 93 या इससे ज्यादा बनाए रखने के लिए सामान्य तौर पर शारीरिक व्यायाम करना चाहिए। जिस कमरे में भी रहे, वहां वेंटीलेशन का उचित प्रबंध होना चाहिए। कोविड-19 मरीजों को यदि ज्यादा खांसी होती है तो तुरंत ही एक्स-रे करवाएं ताकि शरीर का पता चल सके कि संक्रमण ने कहीं फेफड़ों पर तो असर डालना शुरू नहीं कर दिया है।