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देहात क्षेत्र में दो तिहाई से अधिक एचटी और एलटी विद्युत लाइन जर्जर

ऊर्जा निगम ने देहात क्षेत्र में आबादी और जंगल की लाइन भले ही अलग-अलग कर दी है। लेकिन विभाग देहात क्षेत्र में झूलती हुई एचटी और एलटी लाइन का निगम नहीं बदल पाया है। जर्जर हो चुकी विद्युत लाइन से आए दिन होने वाले हादसों के बावजूद भी विभाग झूलती हुई विद्युत लाइन को नहीं बदल पाया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Jun 2020 11:00 PM (IST)Updated: Wed, 24 Jun 2020 06:07 AM (IST)
देहात क्षेत्र में दो तिहाई से अधिक एचटी और एलटी विद्युत लाइन जर्जर
देहात क्षेत्र में दो तिहाई से अधिक एचटी और एलटी विद्युत लाइन जर्जर

बुलंदशहर, जेएनएन। ऊर्जा निगम ने देहात क्षेत्र में आबादी और जंगल की लाइन भले ही अलग-अलग कर दी है। लेकिन विभाग देहात क्षेत्र में झूलती हुई एचटी और एलटी लाइन का निगम नहीं बदल पाया है। जर्जर हो चुकी विद्युत लाइन से आए दिन होने वाले हादसों के बावजूद भी विभाग झूलती हुई विद्युत लाइन को नहीं बदल पाया है।

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जिले के देहात क्षेत्र में कई दशक पुरानी लाइन अधिकांश लाइन जर्जर है। देहात क्षेत्र में विद्युत लाइन के जर्जर होने से गर्मी के मौसम में चिगारी से फसल जल कर नष्ट हो जाती है। वहीं बरसात के मौसम में करंट की चपेट में आकर किसानों की मौत भी हो जाती है। इतना सबकुछ होने के बाद भी विभाग ने जर्जर एचटी और एलटी लाइन को खींचवाने के साथ बदलवाने के लिए कोई रणनीति नहीं बनाई है। विभाग बिजली हादसों में मौत होने पर लाखों रुपये मुआवजा देने के नाम पर खर्च जरूर कर देता है। जिले में दर्जन भर से अधिक स्कूल और घरों के ऊपर से जर्जर विद्युत लाइन गुजर रही है।

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जिले में दो तिहाई से अधिक जर्जर लाइन

जिले में दो तिहाई से अधिक एचटी और एलटी विद्युत लाइन कई दशक पुरानी हो चुकी है। लेकिन निगम ने इन पुरानी हो चुकी जर्जर विद्युत लाइन को बदलवाने के लिए कोई कदम नहीं उठाएं हैं। जिससे देहात क्षेत्र में एचटी और एलटी लाइन मौत बनकर झूल रही हैं। जिनसे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।

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अनेकों बार शिकायत के बाद भी नहीं बदल रही लाइन

ग्रामीणों के कई बार लिखित शिकायत करने के बाद भी निगम जर्जर विद्युत लाइन नहीं बदल पाया है। रघुनाथपुर बिजलीघर क्षेत्र के गांव चठहेरा के पूर्व प्रधान लखमी सिंह ने बताया कि चठहेरा फीडर 1967 में बनाया गया था। विद्युत लाइन के जर्जर होने से गर्मी के मौसम चिगारी निकलने से फसल जल कर नष्ट हो जाती है। लेकिन कई बार शिकायत करने के बाद भी ये जर्जर विद्युत लाइन नहीं बदल पाई है।

... इन्होंने कहा..

बजट के अभाव में जर्जर लाइन विद्युत लाइन नहीं बदल पा रही है। जर्जर लाइन बदलवाने के लिए समय-समय पर इस्टीमेट बनाकर भेजे जाते रहते हैं। लेकिन इस्टीमेट स्वीकृत नहीं हो पाने के कारण जर्जर विद्युत लाइन नहीं बदल पा रही हैं।

-आरपीएस तोमर, मुख्य अभियंता ऊर्जा निगम


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