ओटी, आइसीयू किए सील, भर्ती मरीजों को नहीं किया शिफ्ट
जेएनएन बुलंदशहर साठगांठ के खेल में माहिर स्वास्थ्य विभाग के खिलाड़ी अब इस जाल में फंसते नजर आ रहे हैं। अवैध संचालन पर आला अफसरों की नजर पड़ते ही शहर के दो अस्पतालों के ओटी आइसीयू वार्ड सील कर दिए लेकिन यहां भर्ती मरीजों को अन्यत्र शिफ्ट नहीं किया गया।
जेएनएन, बुलंदशहर: साठगांठ के खेल में माहिर स्वास्थ्य विभाग के खिलाड़ी अब इस जाल में फंसते नजर आ रहे हैं। अवैध संचालन पर आला अफसरों की नजर पड़ते ही शहर के दो अस्पतालों के ओटी, आइसीयू वार्ड सील कर दिए, लेकिन यहां भर्ती मरीजों को अन्यत्र शिफ्ट नहीं किया गया। अफसर अवैध संचालन की जड़ें तलाशने में जुट गए हैं। एफआइआर दर्ज कराने की भी तैयारी है।
नवागत डीएम के आते ही स्वास्थ्य महकमा ने दो निजी अस्पतालों पर शिकंजा कसा है। अनूपशहर अड्डा रोड स्थित नेशनल हास्पिटल के ओटी, आइसीयू वार्ड, मेडिकल स्टोर पर सील लगाई गई है। अनियमितता मिलने पर सब्जी मंडी रोड स्थित सीपी हास्पिटल के ओटी एवं आइसीयू को सील किया है। खास बात यह कि इन अस्पतालों में भर्ती मरीजों को जिम्मेदार राम भरोसे छोड़ गए हैं। बताते हैं कि सील किए गए एक निजी अस्पताल को जहांगीराबाद क्षेत्र का एक सरकारी चिकित्सक संचालित करता है। अफसर उक्त चिकित्सक की खोजबीन कर रहे हैं।
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अफसरों को क्यों नजर नहीं आते अवैध अस्पताल
स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड में मात्र 165 अस्पताल एवं नर्सिंग होम पंजीकृत हैं। क्लीनिक 118, पैथोलाजी 77 और 77 अल्ट्रसाउंड सेटर पंजीकृत हैं। इसके बावजूद शहर में अवैध नर्सिंग होम, अस्पतालों का जाल फैला है। क्लीनिक के नाम पर गैर पंजीकृत मल्टी स्टोरी अस्पताल तक संचालित हो रहे हैं। सवाल यह कि इनका संचालन किसकी कृपा से हो रहा है। जिले की स्थिति
पंजीकृत अस्पताल - 165
क्लीनिक - 118
पैथोलाजी - 55
अल्ट्रासाउंड सेंटर - 77
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-डा. विनय कुमार सिंह, सीएमओ