प्रेम से ही मिलते हैं भगवान : मृदुल कृष्ण
श्री नवदुर्गा मंदिर समिति द्वारा माता रानी के 25वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन कथा व्यास ने भक्तों को कृष्ण लीला के साथ गोवर्धन कथा सुनाई।
बुलंदशहर, जेएनएन। श्री नवदुर्गा मंदिर समिति द्वारा माता रानी के 25वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन कथा व्यास ने भक्तों को कृष्ण लीला के साथ गोवर्धन कथा सुनाई। वहीं, खुर्जा वाली मैया के जन्मदिन पर माता की चौकी लगाई गई।
श्री नवदुर्गा शक्ति मंदिर समिति द्वारा आयोजित रजत जयंती महोत्सव के दौरान शनिवार को श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन कथा व्यास मृदुल कृष्ण महाराज ने कृष्ण लीलाओं को सुनाते हुए कहा कि अल्प आयु में ही श्रीकृष्ण ने राक्षसों का अंत कर दिया था। जब-जब भी धरती पर पाप और अनाचार बढ़ेगा धर्म की रक्षा करने के लिए प्रभु अवतार लेंगे। कृष्ण और सुदामा की मित्रता को सारे जगत में आज भी याद किया जाता है। उन्होंने ऐसी मित्रता को अपनाने पर जोर दिया। इंद्र देवता का अभिमान भंग करने के लिए ही कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी अंगुली पर उठा लिया था। सात दिनों तक गोवर्धनवासियों ने पर्वत के नीचे ही रहकर अपने प्राणों की रक्षा की थी। इनमें मनुष्य ही नहीं बल्कि पुश-पक्षी भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि बिना प्रेम के भगवान को प्राप्त नहीं किया जा सकता है। प्रेम भगवान से करो, सेवा संसार की करो और खोज अपनी करो। क्योंकि संसार से किया प्रेम तो मोह कहलाता है और संसार से प्रेम करोगे तो मनुष्य बार-बार जन्म-मृत्यु के चक्र से कभी मुक्त नहीं होगा। इस दौरान छप्पन भोग के साथ गोवर्धन के पूजन की झांकी भी निकाली। कथा के बाद मुख्य यजमान डा. पीके त्यागी और उनकी धर्मपत्नी डा. शशि प्रभा त्यागी ने बांके बिहारी की आरती की। कथा की व्यवस्था में आजीवन सचिव डा. मोहन लाल, अजीत मित्तल, अजय गर्ग, डा. भूदत्त शर्मा, पवन मित्तल, दुष्यंत, प्रेम प्रकाश अरोरा, हरजीत सिंह टीटू, संजू सिसोदिया आदि रहे। वहीं, शुक्रवार की देरशाम खुर्जा वाली मैया के जन्मदिन पर श्री नवदुर्गा शक्ति मंदिर में माता की चौकी लगाई गई। जिसमें कुंवारी गुजन ने भक्ति गाने गाए।