स्याना बवाल के एक और आरोपित को पुलिस ने किया गिरफ्तार
बीते तीन दिसंबर को बुलंदशहर के स्टेट हाईवे स्थित चिंगरावठी पुलिस चौकी पर हुई हिंसा के एक और आरोपित को शनिवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
By Ashu SinghEdited By: Published: Sat, 11 May 2019 01:43 PM (IST)Updated: Sat, 11 May 2019 01:43 PM (IST)
बुलंदशहर,जेएनएन। तीन दिसंबर,2018 को स्टेट हाईवे स्थित चिंगरावठी पुलिस चौकी पर हुई हिंसा का एक और आरोपित शनिवार को पुलिस के हत्थे चढ़ा गया। गौरतलब है कि उस वक्त हुई हिंसा ने पूरे सिस्टम को झकझोर कर दिया था। हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की भी मौत हो गई थी।
गांव में घर से किया गिरफ्तार
कोतवाल विजय कुमार ने बताया कि गांव चिंगरावठी का जयदीप पुत्र प्रकाशवीर हिंसा के समय मौजूद था। उन्होंने बताया कि आरोपित जयदीप प्रकाश में आया हुआ आरोपित है। बताया कि शनिवार की सुबह आरोपित जयदीप को चिंगरावठी में उसी के घर से गिरफ्तार कर लिया है। विजय कुमार ने बताया कि तीन दिसंबर का हुई हिंसा के आरोप में 27 नामजद और 50-60 अज्ञात आरोपीयों के खिलाफ मुकदमा दर्ज है। हिंसा में शामिल 42 आरोपित इस वक्त जेल में बंद हैं।
जानिए क्या हुआ था तीन दिसंबर को
तीन दिसंबर,2018 को स्याना कोतवाली के चिंगरावठी गांव में गोवंश के अवशेष मिलने के बाद ग्रामीण भड़क उठे थे। जिसके बाद 400-500 की भीड़ ने चिंगरावठी चौकी पर हमला कर दिया और चौकी समेत कई वाहनों में आग लगा दी थी। इतना ही नहीं गोवंश के अवशेषों के साथ रोड को जाम लगा दिया था। इस हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और एक ग्रामीण सुमित की गोली लगने से मौत हो गई थी। मामले में पुलिस ने गोकशी और हिंसा और बवाल की दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की थी।
गांव में घर से किया गिरफ्तार
कोतवाल विजय कुमार ने बताया कि गांव चिंगरावठी का जयदीप पुत्र प्रकाशवीर हिंसा के समय मौजूद था। उन्होंने बताया कि आरोपित जयदीप प्रकाश में आया हुआ आरोपित है। बताया कि शनिवार की सुबह आरोपित जयदीप को चिंगरावठी में उसी के घर से गिरफ्तार कर लिया है। विजय कुमार ने बताया कि तीन दिसंबर का हुई हिंसा के आरोप में 27 नामजद और 50-60 अज्ञात आरोपीयों के खिलाफ मुकदमा दर्ज है। हिंसा में शामिल 42 आरोपित इस वक्त जेल में बंद हैं।
जानिए क्या हुआ था तीन दिसंबर को
तीन दिसंबर,2018 को स्याना कोतवाली के चिंगरावठी गांव में गोवंश के अवशेष मिलने के बाद ग्रामीण भड़क उठे थे। जिसके बाद 400-500 की भीड़ ने चिंगरावठी चौकी पर हमला कर दिया और चौकी समेत कई वाहनों में आग लगा दी थी। इतना ही नहीं गोवंश के अवशेषों के साथ रोड को जाम लगा दिया था। इस हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और एक ग्रामीण सुमित की गोली लगने से मौत हो गई थी। मामले में पुलिस ने गोकशी और हिंसा और बवाल की दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की थी।
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