अब समूह के खाते संभाल आत्मनिर्भर बनेंगी महिलाएं
जनपद में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही उनको रोजगार के नए-नए अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। जिससे महिलाओं की अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है। अब मिशन महिलाओं को बैंक सखी की जिम्मेदारी देने जा रहा है।
जेएनएन, बुलंदशहर। जनपद में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही उनको रोजगार के नए-नए अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। जिससे महिलाओं की अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है। अब मिशन महिलाओं को बैंक सखी की जिम्मेदारी देने जा रहा है। बैंक शाखा में बैंक सखी के लिए अलग से काउंटर बनाया जाएगा।
उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के समूह की सदस्यों को सरकार अब बैंक सखी का काम कराएगी। बैंक सखी के लिए समूह की महिलाओं का चयन किया जाएगा। जिससे महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर उपलब्ध हो सके और महिलाएं स्वावलंबी बन सके। बैंक सखी सामुदायिक संस्थाओं समूह और समूह फेडरेशन को बैंकिग सुविधाएं उपलब्ध कराने में मदद करेंगी। बैंक सखी का चयन संकुल स्तर से किया जाएगा। यदि संकुल संगठन तैयार नहीं हुए हैं तो ग्राम संगठन बैंक सखी का चयन करेंगे। जोकि लोगों को बैंकिंग संबंधित जानकारी देंगी। वहीं बैंक सखी तीन दिन बैंक शाखाओं में बैठेगी। वहीं चार दिन उनको ग्राम संगठन और संकुल का दौरा करना पड़ेगा।
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30 समूह पर एक बैंक सखी होगी चयनित
जिस बैंक में 30 समूह के बैंक खाता हैं। वहां पर एक बैंक सखी का चयन किया जाएगा। 31 से 80 खातों पर दो बैंक सखी व 81 से 160 बैंक खातों पर तीन बैंक सखी का चयन किया जाएगा। किसी भी दशा में एक बैंक पर तीन से अधिक बैंक सखी तैनात नहीं होंगी।
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ये मिलेगा मानदेय
स्लैब - समूह बैंक खाता - मानदेय प्रतिमाह - यात्रा भत्ता प्रतिमाह
प्रथम - 30 से 40 - 1500 - 500
द्वितीय - 45 से 60 - 2000 - 750
तृतीय -60 से 80 - 2500 - 750
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इन्होंने कहा..
अब बैंक सखी का चयन किया जाएगा। बैंक सखी का चयन होने के बाद वह बैंक शाखा में बैठकर समूह के खातों का संचालन करेंगी।
- अभिषेक गोस्वामी, जिला प्रबंधक उप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन
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समूह के बैंक खातों का बेहतर संचालन कराने और महिलाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए बैंक सखी का चयन किया जाएगा। शीघ्र बैंक सखी की चयन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
- साहित्यप्रकाश मिश्रा, डीडीओ