अब बिना वीडियो दर्ज नहीं होगी बिजली चोरी की एफआइआर
अब बिना वीडियो साक्ष्य के बिजली चोरी की एफआइआर दर्ज नहीं की जाएगी। शासन ने बिजली अफसरों को चेकिग के दौरान आवश्यक रूप से वीडियो बनाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा विजिलेंस टीम को भी वीडियो बनाने के बाद ही एफआइआर दर्ज करने के निर्देश हैं।
बुलंदशहर, जेएनएन। अब बिना वीडियो साक्ष्य के बिजली चोरी की एफआइआर दर्ज नहीं की जाएगी। शासन ने बिजली अफसरों को चेकिग के दौरान आवश्यक रूप से वीडियो बनाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा विजिलेंस टीम को भी वीडियो बनाने के बाद ही एफआइआर दर्ज करने के निर्देश हैं।
ऊर्जा निगम में उपकेंद्र प्रभारी और विजिलेंस टीम को चेकिग के दौरान बिजली चोरी पकड़े जाने पर आरोपी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने का अधिकार होता है। शासन के पास इसकी लगातार शिकायत पहुंच रही थीं कि उपकेंद्र प्रभारी बिना मौके पर जाए और बिना बिजली चोरी पकड़े भी लक्ष्य पूरा करने के लिए निर्दोष व्यक्ति की भी एफआइआर दर्ज करा देते थे। अब शासन ने मौके पर बिजली चोरी की वीडियो बनाने के निर्देश दिए हैं। तभी रिपोर्ट दर्ज कराएंगे, जब किसी के खिलाफ बिजली चोरी का वीडियो प्रमाण होगा। वहीं विजिलेंस टीम को भी वीडियो प्रमाण होने पर ही एफआइआर दर्ज करनी होगी। कई बार उपकेंद्र प्रभारी और विजिलेंस टीम लक्ष्य पूरा करने के चक्कर में भी गलत एफआइआर दर्ज करवा देते थे। इसके कारण कई बार निर्दोष व्यक्ति को भी बिजली चोरी में जुर्माना भरना पड़ता था। कई बार निर्दोष कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाते थे। अब बिजली चोरी के सही आरोपी ही पकड़े जाएंगे।
- उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत
जिले में प्रत्येक माह बिजली चोरी में करीब सैकड़ों लोगों के खिलाफ एफआइआर हो जाती है। बिजली चोरी में पकड़े जाने वाले आरोपी को जुर्माना अदा करना होता है, तभी एफआइआर समाप्त होती है। एक अनुमान के मुताबिक इसमे आधी एफआइआर उपकेंद्र प्रभारी अपना टारगेट पूरा करने के लिए कर देते हैं। इसके बाद उपभोक्ता लाख दलील दे कि उसने बिजली चोरी नहीं की, लेकिन उसकी एक नहीं सुनी जाती।
इन्होंने कहा-----
सभी उपकेंद्र प्रभारी, एसडीओ और एक्सईएन को निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि बिना वीडियो प्रमाण के किसी के खिलाफ भी बिजली चोरी में एफआईआर दर्ज नहीं कराई जाए। बिजली चोरी पकड़ने पर सबसे पहले वीडियो बनाएं। जिसे एफआईआर के समय सबूत के तौर पर दिखाया जा सके।
- आरपीएस तोमर, चीफ इंजीनियर